आगरा (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए
गए अनिल यादव के खिलाफ दर्ज मुकदमे आखिर पुलिस ने ढूंढ ही निकाले। यह पूरा
रिकार्ड पहले गायब कर दिया गया था लेकिन शासन की सख्ती पर पुलिस ने इसे फिर
से तैयार किया है। उनके खिलाफ 17 मामले दर्ज पाए गए हैं।
इनमें से दस एफआईआर और सात एनसीआर हैं।
आगरा के कमला नगर निवासी अनिल यादव का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। उन पर तमाम संगीन आरोप लगे। सबसे भारी यह पड़ा कि उनके खिलाफ केस दर्ज थे। हालांकि पुलिस इन्हें छुपाती रही। यह रिकार्ड पुलिस के पास मौजूद था लेकिन इसे छुपाया जा रहा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उनकी बर्खास्तगी के बाद शासन ने मुकदमोें से संबंधित रिपोर्ट तलब की। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने तमाम थानों से रिपोर्ट मांगी। इनमें डकैती, चौथ वसूली जैसे संगीन केस भी हैं। उनकी हिस्ट्रीशीट भी खोली गई थी। इसे पुलिस ने छुपा रखा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इसमें हिस्ट्रीशीट का पूरा विवरण है। उनके खिलाफ सबसे ज्यादा केस न्यू आगरा थाना में दर्ज हैं। उन पर गुण्डा एक्ट की कार्रवाई भी की गई थी। इससे पहले पुलिस बता रही थी कि उनका अपराधिक रिकार्ड मिल नहीं रहा है। हालांकि, अधिकारी इस संबंध में बोलने को तैयार नहीं है।
बढ़ सकती हैं मुश्किलेंः
यह रिपोर्ट शासन के पास पहुंच जाने के बाद अनिल यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा नेता पहले से कह रहे हैं कि सपा सरकार अनिल यादव के मुकदमे छुपा रही है।
छुपाई गई हिस्ट्रीशीट ढूंढकर पुलिस ने शासन को भेजी
कुल दस एफआईआर और सात एनसीआर दर्ज मिली
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इनमें से दस एफआईआर और सात एनसीआर हैं।
आगरा के कमला नगर निवासी अनिल यादव का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। उन पर तमाम संगीन आरोप लगे। सबसे भारी यह पड़ा कि उनके खिलाफ केस दर्ज थे। हालांकि पुलिस इन्हें छुपाती रही। यह रिकार्ड पुलिस के पास मौजूद था लेकिन इसे छुपाया जा रहा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उनकी बर्खास्तगी के बाद शासन ने मुकदमोें से संबंधित रिपोर्ट तलब की। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने तमाम थानों से रिपोर्ट मांगी। इनमें डकैती, चौथ वसूली जैसे संगीन केस भी हैं। उनकी हिस्ट्रीशीट भी खोली गई थी। इसे पुलिस ने छुपा रखा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इसमें हिस्ट्रीशीट का पूरा विवरण है। उनके खिलाफ सबसे ज्यादा केस न्यू आगरा थाना में दर्ज हैं। उन पर गुण्डा एक्ट की कार्रवाई भी की गई थी। इससे पहले पुलिस बता रही थी कि उनका अपराधिक रिकार्ड मिल नहीं रहा है। हालांकि, अधिकारी इस संबंध में बोलने को तैयार नहीं है।
बढ़ सकती हैं मुश्किलेंः
यह रिपोर्ट शासन के पास पहुंच जाने के बाद अनिल यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा नेता पहले से कह रहे हैं कि सपा सरकार अनिल यादव के मुकदमे छुपा रही है।
छुपाई गई हिस्ट्रीशीट ढूंढकर पुलिस ने शासन को भेजी
कुल दस एफआईआर और सात एनसीआर दर्ज मिली
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