विसं, इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 की ओएमआर
शीट के पुनर्मूल्यांकन का मामला फिर तूल पकड़ गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने
अवमानना मामले में बेसिक शिक्षा सचिव आशीष गोयल को नोटिस जारी किया है इसमें कोर्ट ने एक मौका देते हुए एक माह में आदेश का पालन करने या फिर हाजिर होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने प्रतीक्षा सिंह की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि बेसिक शिक्षा सचिव को टीईटी 2011 में शामिल सभी पांच
लाख अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश आठ अक्टूबर
2015 को दिया गया था। आदेश में यह भी कहा गया था कि ऐसे लोगों को भी
चिन्हित किया जाए जो बिना परीक्षा दिए उत्तीर्ण घोषित किए गए।
असल
में दाखिल याचिका में हजारों ऐसे अभ्यर्थियों का अनुक्रमांक रिकॉर्ड में
दिखाया गया है जिन्होंने या तो वाइटनर का प्रयोग किया या फिर बिना परीक्षा
दिए उत्तीर्ण हो गए हैं। सरकार की ओर से गठित उच्च स्तरीय जांच समिति ने 10
अप्रैल 2012 की रिपोर्ट में माना है कि टीईटी 2011 का परीक्षाफल वास्तव
में कितनी बार संशोधित हुआ व कितने अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए और कितने फेल
हुए, यह रिकॉर्ड परीक्षा कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास
नहीं है।
इन्हीं बिंदुओं पर याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट
ने अधिवक्ता अनिल सिंह बिसेन व अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी को सुनने के
बाद बेसिक शिक्षा सचिव को अवमानना का दोषी पाया। कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया
कि एक माह के अंदर आठ अक्टूबर 2015 के आदेश का अनुपालन करें या सुनवाई की
अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों, ताकि अवमानना का आरोप तय किया
जा सके।Sponsored links :
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