राज्य ब्यूरो, लखनऊ : माध्यमिक शिक्षकों की तर्ज पर राष्ट्रपति और राज्य
पुरस्कार पाने वाले परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को भी
बढ़ाकर 65 वर्ष करने की मांग पर बेसिक शिक्षा विभाग विचार कर रहा है। इस
सिलसिले में शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से अभिमत मांगा है।
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षक 62 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार या राज्य अध्यापक पुरस्कार पाने वाले परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को दो साल का सेवा विस्तार दिया जाता है और वे 64 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 60 वर्ष और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 62 साल में सेवानिवृत्त होते हैं। राष्ट्रपति और राज्य पुरस्कार प्राप्त राजकीय और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पहले दो साल का सेवा विस्तार दिया जाता था। यानी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पुरस्कृत शिक्षक 62 वर्ष और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 64 वर्ष में रिटायर होते थे।
केंद्र सरकार ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले सीबीएसई के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 साल कर दिया था। इसी आधार पर राज्य सरकार ने भी पिछले साल राजकीय और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के पुरस्कृत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 साल करने का फैसला किया था। माध्यमिक शिक्षकों का उदाहरण देते हुए अब उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने परिषदीय स्कूलों के पुरस्कृत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 साल करने की मांग की है। प्राथमिक शिक्षक संघ के इस प्रस्ताव पर शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से अभिमत मांगा है।
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बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षक 62 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार या राज्य अध्यापक पुरस्कार पाने वाले परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को दो साल का सेवा विस्तार दिया जाता है और वे 64 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 60 वर्ष और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 62 साल में सेवानिवृत्त होते हैं। राष्ट्रपति और राज्य पुरस्कार प्राप्त राजकीय और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पहले दो साल का सेवा विस्तार दिया जाता था। यानी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पुरस्कृत शिक्षक 62 वर्ष और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 64 वर्ष में रिटायर होते थे।
केंद्र सरकार ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले सीबीएसई के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 साल कर दिया था। इसी आधार पर राज्य सरकार ने भी पिछले साल राजकीय और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के पुरस्कृत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 साल करने का फैसला किया था। माध्यमिक शिक्षकों का उदाहरण देते हुए अब उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने परिषदीय स्कूलों के पुरस्कृत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 साल करने की मांग की है। प्राथमिक शिक्षक संघ के इस प्रस्ताव पर शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से अभिमत मांगा है।
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