सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अस्थायी नौकरी क्या होती है। 15 या 30 दिनों
के लिए तो अस्थायी नियुक्ति हो सकती है लेकिन एक या दो वर्ष के लिए यह कैसे
संभव है।
शीर्ष अदालत ने आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित स्कूल में सालों तक अस्थायी तौर पर नियुक्त शिक्षकों को स्थायी करने का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की है। अदालत ने बेहद कड़े अंदाज में कहा कि अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो स्कूल बंद कर दीजिए। न्यायमूर्ति एमआईए कलीफुल्लाह और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की पीठ ने आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी से कहा कि इन स्कूलों में जवानों के बच्चे पढ़ते हैं और आप उन बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं।
इन शिक्षकों को भी शांति से जीने का हक है। पीठ ने सोसायटी के रवैये पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि आपका आर्मी माइंड शिक्षकों के लिए नहीं है।
अस्थायी तौर पर नियुक्त शिक्षकों को लंबे समय तक अनिश्चितता के साये में नहीं रखा जा सकता। आपके बच्चों के लिए शिक्षा जरूरी थी तो आपने अस्थायी शिक्षक नियुक्त कर लिया और आपका उद्देश्य पूरा हो गया तो उनको हटाना चाहते हैं। आपकी सोसायटी सेना के जवानों के कल्याण के लिए है लेकिन इसके लिए शिक्षकों के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। सोसायटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी गिरी ने कहा कि इन शिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी तौर पर की गई थी। जब स्थायी शिक्षक वापस आ गए तो अस्थायी तौर पर नियुक्त शिक्षकों को कैसे रखा जा सकता है। उनकी नियुक्ति शुरुआत में एक वर्ष के लिए की थी। इस पर पीठ ने कहा कि एक साल की अवधि कम नहीं होती है। आपने भारी गलती की है। अदालत ने यह भी कहा कि हम सेना का समर्थन करते हैं लेकिन इस तरह के मामले का कतई समर्थन नहीं कर सकते। पीठ ने सोसायटी से दो टूक कहा कि इस मामले में हमारी आपके प्रति किसी तरह की संवेदना नहीं है।
•क्या था मामला:
आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी ने धौला कुआं और दिल्ली कैंट स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में अलग-अलग समय पर कुल नौ लोगों को अस्थायी तौर पर नियुक्त किया था। इनमें चार शिक्षक, एक लैब हेल्पर, दो ड्राइवर, एक नर्सिंग असिस्टेंट तथा एक अकाउटेंट क्लर्क था। इनको बाद में विस्तार भी दिया गया था। हाईकोर्ट भी इनके पक्ष में फैसला सुना चुका है।
अस्थायी नौकरी क्या होती है? आपका आर्मी माइंड शिक्षकों के लिए नहीं है
अस्थायी नियुक्ति 15 या 30 दिनों के लिए हो सकती है एक-दो साल के लिए नहीं
Sponsored links :
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
शीर्ष अदालत ने आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित स्कूल में सालों तक अस्थायी तौर पर नियुक्त शिक्षकों को स्थायी करने का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की है। अदालत ने बेहद कड़े अंदाज में कहा कि अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो स्कूल बंद कर दीजिए। न्यायमूर्ति एमआईए कलीफुल्लाह और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की पीठ ने आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी से कहा कि इन स्कूलों में जवानों के बच्चे पढ़ते हैं और आप उन बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं।
इन शिक्षकों को भी शांति से जीने का हक है। पीठ ने सोसायटी के रवैये पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि आपका आर्मी माइंड शिक्षकों के लिए नहीं है।
अस्थायी तौर पर नियुक्त शिक्षकों को लंबे समय तक अनिश्चितता के साये में नहीं रखा जा सकता। आपके बच्चों के लिए शिक्षा जरूरी थी तो आपने अस्थायी शिक्षक नियुक्त कर लिया और आपका उद्देश्य पूरा हो गया तो उनको हटाना चाहते हैं। आपकी सोसायटी सेना के जवानों के कल्याण के लिए है लेकिन इसके लिए शिक्षकों के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। सोसायटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी गिरी ने कहा कि इन शिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी तौर पर की गई थी। जब स्थायी शिक्षक वापस आ गए तो अस्थायी तौर पर नियुक्त शिक्षकों को कैसे रखा जा सकता है। उनकी नियुक्ति शुरुआत में एक वर्ष के लिए की थी। इस पर पीठ ने कहा कि एक साल की अवधि कम नहीं होती है। आपने भारी गलती की है। अदालत ने यह भी कहा कि हम सेना का समर्थन करते हैं लेकिन इस तरह के मामले का कतई समर्थन नहीं कर सकते। पीठ ने सोसायटी से दो टूक कहा कि इस मामले में हमारी आपके प्रति किसी तरह की संवेदना नहीं है।
•क्या था मामला:
आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी ने धौला कुआं और दिल्ली कैंट स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में अलग-अलग समय पर कुल नौ लोगों को अस्थायी तौर पर नियुक्त किया था। इनमें चार शिक्षक, एक लैब हेल्पर, दो ड्राइवर, एक नर्सिंग असिस्टेंट तथा एक अकाउटेंट क्लर्क था। इनको बाद में विस्तार भी दिया गया था। हाईकोर्ट भी इनके पक्ष में फैसला सुना चुका है।
अस्थायी नौकरी क्या होती है? आपका आर्मी माइंड शिक्षकों के लिए नहीं है
अस्थायी नियुक्ति 15 या 30 दिनों के लिए हो सकती है एक-दो साल के लिए नहीं
Sponsored links :
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC