उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2015 में शामिल होने वाले हजारों
परीक्षार्थी फेल व पास की दौड़ से बाहर होने के कगार पर हैं। ऐसे
अभ्यर्थियों का चिन्हांकन इसी माह के अंतिम सप्ताह में शुरू होगा, जिस तरह
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में फोन घनघना रहे हैं वह सूचक है कि
परीक्षार्थियों की तादाद अधिक
होगी।
परीक्षा से बाहर होने के लिए परीक्षार्थी खुद ही जिम्मेदार होंगे, क्योंकि उन्होंने इम्तिहान शुरू करने से पहले ओएमआर शीट की सारी प्रविष्टियां सलीके से भरी ही नहीं हैं।
यूपी टीईटी 2015 परीक्षा दो फरवरी को प्रदेश भर के विभिन्न केंद्रों पर कराई जा चुकी है। इसमें करीब नौ लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए। परीक्षा में कुछ जिलों की छिटपुट गड़बड़ियों को छोड़कर परीक्षा शांतिपूर्ण ही निपटी। इसी बीच सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में परीक्षार्थियों के फोन आना तेज हुए। उनकी जिज्ञासा थी कि यदि ओएमआर शीट पर सारा विवरण नहीं भरा गया है तो क्या होगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने कहा है कि सभी ओएमआर शीट की स्कैनिंग के बाद ही मूल्यांकन होना है, ऐसे में यदि सारा विवरण दर्ज नहीं होगा तो संबंधित परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट का मूल्यांकन कराना संभव नहीं होगा। इस जवाब से हड़कंप मचा है। दरअसल, परीक्षा की ओएमआर शीट पर रजिस्ट्रेशन नंबर, अनुक्रमांक, प्रश्न पुस्तिका सीरीज, भाषा विकल्प, गणित-विज्ञान या सामाजिक विज्ञान व अन्य सभी प्रविष्टियां को भरा जाना अनिवार्य था। इस पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि यदि ओएमआर शीट भरी नहीं है तो आखिर किस आधार पर उसका मूल्यांकन कराएंगे। कंप्यूटर अंकन को ही जांचेगा। कक्ष निरीक्षकों को निर्देश दिए गए थे, पर पहली जिम्मेदारी परीक्षार्थी की ही है। 1निर्देशिका में कक्ष निरीक्षक जिम्मेदार : यूपी टीईटी 2015 की कक्ष निरीक्षक के लिए निर्देश पुस्तिका में आठवें नंबर पर स्पष्ट लिखा है कि ओएमआर शीट पर परीक्षार्थी ने सारा अंकन किया है या नहीं इसका मिलान करने के बाद ही उस पर हस्ताक्षर किया जाए।लिखा है कि विषम स्थिति के लिए कक्ष निरीक्षक उत्तरदायी होंगे।
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होगी।
परीक्षा से बाहर होने के लिए परीक्षार्थी खुद ही जिम्मेदार होंगे, क्योंकि उन्होंने इम्तिहान शुरू करने से पहले ओएमआर शीट की सारी प्रविष्टियां सलीके से भरी ही नहीं हैं।
यूपी टीईटी 2015 परीक्षा दो फरवरी को प्रदेश भर के विभिन्न केंद्रों पर कराई जा चुकी है। इसमें करीब नौ लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए। परीक्षा में कुछ जिलों की छिटपुट गड़बड़ियों को छोड़कर परीक्षा शांतिपूर्ण ही निपटी। इसी बीच सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में परीक्षार्थियों के फोन आना तेज हुए। उनकी जिज्ञासा थी कि यदि ओएमआर शीट पर सारा विवरण नहीं भरा गया है तो क्या होगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने कहा है कि सभी ओएमआर शीट की स्कैनिंग के बाद ही मूल्यांकन होना है, ऐसे में यदि सारा विवरण दर्ज नहीं होगा तो संबंधित परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट का मूल्यांकन कराना संभव नहीं होगा। इस जवाब से हड़कंप मचा है। दरअसल, परीक्षा की ओएमआर शीट पर रजिस्ट्रेशन नंबर, अनुक्रमांक, प्रश्न पुस्तिका सीरीज, भाषा विकल्प, गणित-विज्ञान या सामाजिक विज्ञान व अन्य सभी प्रविष्टियां को भरा जाना अनिवार्य था। इस पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि यदि ओएमआर शीट भरी नहीं है तो आखिर किस आधार पर उसका मूल्यांकन कराएंगे। कंप्यूटर अंकन को ही जांचेगा। कक्ष निरीक्षकों को निर्देश दिए गए थे, पर पहली जिम्मेदारी परीक्षार्थी की ही है। 1निर्देशिका में कक्ष निरीक्षक जिम्मेदार : यूपी टीईटी 2015 की कक्ष निरीक्षक के लिए निर्देश पुस्तिका में आठवें नंबर पर स्पष्ट लिखा है कि ओएमआर शीट पर परीक्षार्थी ने सारा अंकन किया है या नहीं इसका मिलान करने के बाद ही उस पर हस्ताक्षर किया जाए।लिखा है कि विषम स्थिति के लिए कक्ष निरीक्षक उत्तरदायी होंगे।
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