हाईकोर्ट के फैसले से शिक्षामित्रों में खुशी की लहर : कैसे एक साथ हुई याचिकाएं , 2011 के बाद ही हर भर्ती पर विवाद : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से प्रदेश के करीब पौने दो लाख शिक्षामित्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है। नौकरी का संकट झेल रहे शिक्षा मित्रों को राहत देते हुए हाई कोर्ट ने दूरस्थ शिक्षा से किए गए बीटीसी प्रशिक्षण के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। इस फैसले पर शिक्षा मित्रों ने खुशी जाहिर की है।

शिक्षा मित्रों के दूरस्थ प्रशिक्षण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि यह मामला खण्डपीठ से तय हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन इसीलिए हस्तक्षेप का औचित्य नहीं उठता है। इसलिए कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। जस्टिस बी. अमित स्थालेकर की कोर्ट में शिक्षामित्रों की ओर से सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट के वकीलों ने पक्ष रखते हुए कहा कि हाईकोर्ट की बेंच में यह मामला पहले ही आ चुका है।


गौरतलब है कि पूर्व में शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करते हुए हाईकोर्ट की बेंच ने दूरस्थ शिक्षा से प्रशिक्षण के मामले की वैधता एनसीटीई पर छोड़ दी थी। बाद में बेंच के आदेश पर कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए यथास्थिति रखने का आदेश दिया था।

2011 के बाद ही हर भर्ती पर विवाद
शिक्षामित्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहले सुनवाई 11 जुलाई तय थी। इस बीच प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा सचिव आशीष गोयल को हटा दिया। उन पर आरोप था कि तीसरे बैच के शिक्षामित्रों का समायोजन में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसी खबर थी कि सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करीब सवा लाख शिक्षा मित्रों को हटाकर टीईटी धारी अभ्यर्थियों को नियुक्ति की लड़ाई में लगे लोगों को ताकत मिल गई। इसके खिलाफ शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट पहुुुंच गये। वहां कहा गया कि नियुक्तियों पर फैसला आने से पहले सरकार नए लोगों को समायोजित करने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में 9 मई को 12029 लोगों के समायोजन पर सुनवाई होनी है। पहले यह सुनवाई 26 अप्रैल को थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने दो जजों की स्पेशल बेंच बनाकर सारे मामले एक साथ मर्ज कर सुनवाई करने की व्यवस्था दी।


कैसे एक साथ हुई याचिकाएं
- बीटीसी (टीईटी) धारक 1100 अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा, बीएड (टीईटी) धारक प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति के पात्र नहीं।
- इसमें में कहा गया कि कोर्ट के आदेश पर अस्थायी नियुक्ति दी जा रही है। जो गलत परम्परा है। विशिष्ट बीटीसी के आधार पर सवा लाख शिक्षामित्रों को समायोजित किया गया है।
- बाकी को समायोजित करने की तैयारी है वह भी तब जब हाईकोर्ट शिक्षामित्रों के समायोजन को गलत ठहरा चुका है।
- बीटीसी प्रशिक्षितों ने कहा, हम पात्र हैं इसके बाद भी बेरोजगार हैं।
- याचिका में बीएड, टीईटी, शिक्षामित्र, अस्थायी समायोजन और बीटीसी, टीईटी को लिया और सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ
मर्ज करके सुनने के लिए स्पेशल बेंच बना दी।
कब क्या हुआ
- 12 सितंबर 2015 को हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक लगाई।
- 6 दिसम्बर को सुप्रीमकोर्ट ने उक्त आदेश पर स्टे दिया।
- 24 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी बीएड, टीईटी बीटीसी व शिक्षामित्रों के मामले की सुनवाई के लिए अलग- अलग डेट तय की ।
- टीईटी बीटीसी व टीईटी बीएड की सुनवाई के लिए 9 मई को निर्धारित।
- शिक्षामित्रों के समायोजन में टीईटी की अनिवार्यता के मुद्दे पर 11 जुलाई की तिथि तय की गई

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