72825 में चयनितो को हिमांशु राणा की खरी-खरी और कहा आज का अचयनित जो आपको अपने दम पर खड़ा किया और आज स्वयं अपने दम पर ख़ुद की नौकरी ले रहा है : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

बात करते हैं संगठन की :- जैसा कि कुछ दिनो से सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है , ७२८२५ में चयनित कुछ लोग पूरज़ोर तरीक़े से संगठन को आयाम देने को आतुर हैं और उसी संदर्भ में इसी माह के मध्य में मीटिंग भी रखी गयी है तो

उनसे मात्र कुछ सवाल :-
१) आपका साथ ९०-८३ वाले ने दिया और आपने भरपूर हमारा आर्थिक व शारीरिक सहयोग भी लिया तो क्या आज संगठन अकेले ही बना लोगे, अकेले से तात्पर्य है कि केवल ७२८२५ के लिए मात्र जबकि आपको अवगत करा दूँ ८६२ तदर्थ नियुक्तियाँ भी ७२८२५ का ही अंश है ?
यहाँ एक और सवाल है चाहे किसी को बुरा लगे कि क्या जो नए लोग जो कभी ७२८२५ के आंदोलन या कोर्ट करवाई में साथ नहीं दिए और आज चयनित हैं तो उनकी आवाज़ बिना बोले ही दबा दी जाएगी या उन्हें आज भी कहीं नहीं गिना जाएगा ?
२) ये बात भी सभी जानते हैं कि माननीय न्यायालय समस्त टेट उत्तीर्ण को नियुक्तियाँ दिलाएगी जिसके संदर्भ में आपके ही चयनित भाई भी याची बनाने में लगे हैं, हाँ ये बात और है कोई सामने से वो बदनाम और कोई पीछे से वो साहूकार तो मेरी ये समझ नहीं आ रहा है कि इतनी जल्दबाज़ी क्यूँ? क्या इसी सपा सरकार से टिकट लेना है या कुछ और उम्मीद पाले बैठे हैं?
३) आज का अचयनित जो आपको अपने दम पर खड़ा किया और आज स्वयं अपने दम पर ख़ुद की नौकरी ले रहा है जिसका शोषण आपने लगातार ७२८२५ भर्ती के लिए किया ? आपमें से facebook, whatsapp को छोड़कर ज़मीनी स्तर पर कितने रहनुमा हैं जो आज के अचयनित के लिए कुछ कोर्ट कचहरी का काम किए हो सामने आओ अगर नहीं तो आने वाली जनता को नज़रन्दाज करना बहुत बड़ी भूल होगी आपकी वरना स्पष्ट किया जाए कि ७२८२५ के लिए ही है आपका ये आह्वान |
४) आज के चयनित जो निहायती इंसानियत की सीमाओं को कुछ समय पहले ये कहकर तार तार कर गये थे कि आपका कुछ नहीं हो सकता अन्य काम धंधा ढूँढ लीजिए आज कैसे एक दम से रहनुमा हो गए जो आह्वान करने लगे राजधानी बुलाने का और अगर चलो राजधानी हम आते भी हैं तो इन्ही सवालों के जवाब सोशल मीडिया के थ्रू आप पहले भेजिए, तब बात हो आगे की |
५) आज जो चयनित हैं तांव ज़िंदगी अपने प्रमोशन को तरस जाते अगर मैंने अपनी टीम के साथ मिलकर सरकार को ६ जुलाई २०१५ को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में शिक्षा मित्र मुद्दे पर न रोका होता और आज इस प्रकार की औच्छि हरकत पर उतारू हो रहे हैं की बस संगठन का निर्माण ५ व्यक्तियों की पंचायत कर लेगी एक कौने में बैठकर और बाक़ी सब आपकी हाँ में हाँ मिला देंगे |
तो बता दूँ ऐसा होने से रहा हमेशा एक बात कहता था और कहा कभी भूलता नहीं हूँ, "जब हमारा कैबिनेट तुम्हारे कैबिनेट के सामने खड़ा होगा तब ना तुम्हें कबाड़ियों के भाव बेच दिया तो बात है |"
६) आपने तो हमें शिक्षा मित्रों मुद्दे पर भी लूटा था कि आज ये रिट वो रिट जबकि हक़ीक़त समस्त टेट उत्तीर्ण के सामने है तो अब आप बताएँ कहाँ हमारे रहनूमा आप हुए और आज हम क्यूँ आपकी हाँ में हाँ मिलाएँ और आपके आह्वान पर लखनऊ आएँ ? जबकि ज्ञात करा दूँ इलाहाबाद में शिक्षा मित्रों की सुनवायी के दौरान ७२८२५ के चेहरों से फ़ोन पर स्वयं पैसे माँगे थे तो वे असमर्थ थे कि हम कहाँ से दें?
क्या गारंटी है कि आज का अचयनित जो भविष्य में बहुत जल्द चयनित होने जा रहा है आपके ऊपर विश्वास करे और आप पुनः भूतकल की भाँति मात्र अपना मक़सद साधने के लिए संगठन के ज़रिए भी भविष्य में उसका शोषण न करें ?
७) ०७ दिसम्बर २०१५ और २४ फ़रवरी २०१६ को लाभ पाए याची जो आज आंदोलन की राह पर खड़े हैं आपको उनका साथ देना चाहिए या अपने स्वार्थ के वशिभूत होकर इन सब बातों में लगना चाहिए, अगर है हिम्मत तो आप अप्लिकेशन देकर कि हम अपने साथियों को हक़ दिलाने के लिए इलाहाबाद जा रहे हैं २५/०४/२०१६ को इसलिए हमें भी सामूहिक अवकाश दिया जाए, आइए | है हिम्मत तो करिए सामूहिक अवकाश आने वाले कभी आपके रहनूमा रहे अपने साथियों के लिए |
जबकि आपकी हक़ीक़त ये है कि सिस्टम से लड़ने की बात करने वाले ख़ुद अधिकारियों के पैरों में गिर रहे हैं (आज के कुछ चयनित) ऽ
८) आज का प्राथमिक शिक्षक संघ जो कि अब बूढ़े होने के कागार पर है और जिसकी संख्या भविष्य में गौण होगी, क्यूँ अलग अलग ज़िले में उसका साथ दिया जा रहा है कहीं पेंशन के लिए तो कहीं स्वार्थ के लिए ? जबकि ये ही लोग शिक्षा मित्रों का साथ देने के लिए प्रेम पत्र राजधानी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दिए थे |
हक़ीक़त से रूबरू होने का समय है लेकिन अंत में फिर कहूँगा कि अगर बात मात्र ७२८२५ की है तो साफ़ साफ़ शब्दों में क्लीयर किया जाए वरना जनता तो आ ही रही है |
मेरी बातों को अन्यथा न ले क्यूँकि क्वालिटी टीचर होने का तमग़ा और दलील न्यायालय में देते हैं न आप वो तभी सम्भव है जब शिक्षकों के बीच, शिक्षा के प्रति राजनीति ख़त्म हो अन्यथा की स्थिति वही है ढाक के तीन पात |
आपके उत्तर की प्रतीक्षा में क्यूँकि आपकी हक़ीक़त आज का चयनित और अचयनित हर कोई जानना चाहता है |
हर हर महादेव
धन्यवाद
आपका
हिमांशु राणा
टीईटी २०११ उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा, उत्तरप्रदेश
नोट : ये पोस्ट द्वेष से नहीं सच्चाई के लिए है, हक़ीक़त के लिए है क्यूँकि हिमांशु राणा ७२८२६ वे व आगे के समस्त पदों से प्यार करता है नाकि स्वार्थियों से और वैसे भी सभी जानते हैं कि हिमांशु का कितना शोषण किया है आप लोगों ने |

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