लखनऊ विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स को अब माइग्रेशन और प्रोविजनल
सर्टिफिकेट के आवेदन के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं
पड़ेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्टूडेंट्स की इस समस्या को दूर करने के
लिए माइग्रेशन एवं प्रोविजनल सर्टिफिकेट के आवेदन ऑनलाइन करने का फैसला
किया है।
इस संबंध में गुरुवार को परीक्षा विभाग में हुई आंतरिक बैठक में इस पर सहमति बनी कि एक जुलाई से ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरू कर दी जाए। जिससे स्टूडेंट घर बैठे ही माइग्रेशन और सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकें। इसके लिए विश्वविद्यालय परीक्षा की वेबसाइट पर एक अलग वेब पेज विकसित करेगा। जिस पर आवेदन फॉर्म समेत सारी जानकारी स्टूडेंट्स को मुहैया कराई जाएगी। परीक्षा नियंत्रक ने तीस जून तक इस कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।लखनऊ विश्वविद्यालय में मौजूदा व्यवस्था के अनुसार छात्र को माइग्रेशन और प्रोविजनल सर्टिफिकेट के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन करना होता है। जिसकी फीस कैशियर ऑफिसर में जमा की जाती है। इसके बाद एक सप्ताह से 10 दिन के बीच विश्वविद्यालय माइग्रेशन और प्रोविजनल सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराता है। इस बीच विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए ही माइग्रेशन और प्रोवीजनल की जरूरत होती है। अक्सर यह सर्टिफिकेट देर से मिलने से स्टूडेंट्स के एडमिशन तक लटक जाते हैं। लेकिन अब स्टूडेंट्स को इस झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। परीक्षा विभाग ने तय किया है कि स्टूडेंट्स को उनकी ई-मेल आईडी पर इसकी डिजिटल कॉपी भी मुहैया कराई जाए। इसकी तैयारी की जा रही है जिससे स्टूडेंट्स को समय से यह मिल सके। डिजिटल फॉर्मेट जारी होने से स्टूडेंट्स को एडमिशन पर कोई दिक्कत नहीं होगी। विश्वविद्यालय सूत्रों की मानें तो डिजिटल कॉपी के अलावा हार्ड कॉपी भी स्टूडेंट्स को अब बिना विश्वविद्यालय आए ही मिल सकेगी। विश्वविद्यालय तय कर रहा है कि स्टूडेंट्स की ओर से मुहैया कराए गए पते पर पोस्ट के माध्यम से माइग्रेशन और प्रोविजनल सर्टिफिकेट भेजे जाएं। माइग्रेशन शुल्क के साथ पोस्ट का अलग विकल्प दिया जाएगा जिसके लिए अतिरिक्त चार्ज भी होगा। जो लोग लविवि से लेना चाहते हैं उन्हें यह चार्ज नहीं देना पड़ेगा।छात्र-छात्राओं की दिक्कतों को देखते हुए यह तय किया गया है कि माइग्रेशन और प्रोविजनल के साथ कॉपियों के आवेदन भी ऑनलाइन किया जाए। इसके लिए एक जुलाई से आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।एसके शुक्ला, परीक्षा नियंत्रक
माइग्रेशन एवं प्रोविजनल सर्टिफिकेट के ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के लिए परीक्षा नियंत्रक ने निर्देश दिए हैं कि 30 जून तक इसकी तैयारी कर ली जाए। इस प्रक्रिया के साथ-साथ यही भी विचार किया गया है कि एक जुलाई से आरटीई के तहत कॉपियों को देखने के लिए भी ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएं। अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसके लिए ऑनलाइन जो शुल्क निर्धारित है उसी शुल्क पर ऑनलाइन आवेदन भी होंगे।
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इस संबंध में गुरुवार को परीक्षा विभाग में हुई आंतरिक बैठक में इस पर सहमति बनी कि एक जुलाई से ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरू कर दी जाए। जिससे स्टूडेंट घर बैठे ही माइग्रेशन और सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकें। इसके लिए विश्वविद्यालय परीक्षा की वेबसाइट पर एक अलग वेब पेज विकसित करेगा। जिस पर आवेदन फॉर्म समेत सारी जानकारी स्टूडेंट्स को मुहैया कराई जाएगी। परीक्षा नियंत्रक ने तीस जून तक इस कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।लखनऊ विश्वविद्यालय में मौजूदा व्यवस्था के अनुसार छात्र को माइग्रेशन और प्रोविजनल सर्टिफिकेट के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन करना होता है। जिसकी फीस कैशियर ऑफिसर में जमा की जाती है। इसके बाद एक सप्ताह से 10 दिन के बीच विश्वविद्यालय माइग्रेशन और प्रोविजनल सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराता है। इस बीच विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए ही माइग्रेशन और प्रोवीजनल की जरूरत होती है। अक्सर यह सर्टिफिकेट देर से मिलने से स्टूडेंट्स के एडमिशन तक लटक जाते हैं। लेकिन अब स्टूडेंट्स को इस झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। परीक्षा विभाग ने तय किया है कि स्टूडेंट्स को उनकी ई-मेल आईडी पर इसकी डिजिटल कॉपी भी मुहैया कराई जाए। इसकी तैयारी की जा रही है जिससे स्टूडेंट्स को समय से यह मिल सके। डिजिटल फॉर्मेट जारी होने से स्टूडेंट्स को एडमिशन पर कोई दिक्कत नहीं होगी। विश्वविद्यालय सूत्रों की मानें तो डिजिटल कॉपी के अलावा हार्ड कॉपी भी स्टूडेंट्स को अब बिना विश्वविद्यालय आए ही मिल सकेगी। विश्वविद्यालय तय कर रहा है कि स्टूडेंट्स की ओर से मुहैया कराए गए पते पर पोस्ट के माध्यम से माइग्रेशन और प्रोविजनल सर्टिफिकेट भेजे जाएं। माइग्रेशन शुल्क के साथ पोस्ट का अलग विकल्प दिया जाएगा जिसके लिए अतिरिक्त चार्ज भी होगा। जो लोग लविवि से लेना चाहते हैं उन्हें यह चार्ज नहीं देना पड़ेगा।छात्र-छात्राओं की दिक्कतों को देखते हुए यह तय किया गया है कि माइग्रेशन और प्रोविजनल के साथ कॉपियों के आवेदन भी ऑनलाइन किया जाए। इसके लिए एक जुलाई से आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।एसके शुक्ला, परीक्षा नियंत्रक
माइग्रेशन एवं प्रोविजनल सर्टिफिकेट के ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के लिए परीक्षा नियंत्रक ने निर्देश दिए हैं कि 30 जून तक इसकी तैयारी कर ली जाए। इस प्रक्रिया के साथ-साथ यही भी विचार किया गया है कि एक जुलाई से आरटीई के तहत कॉपियों को देखने के लिए भी ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएं। अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसके लिए ऑनलाइन जो शुल्क निर्धारित है उसी शुल्क पर ऑनलाइन आवेदन भी होंगे।
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