उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से होने वाली टीजीटी-पीजीटी परीक्षा-2011 में ओएमआर पर व्हाइटनर लगाया तो मूल्यांकन
नहीं होगा। 15,16 एवं 17 जून को होने वाली टीजीटी-पीजीटी परीक्षा से पहले
चयन बोर्ड ने अभ्यर्थियों को चेताया है कि एक बार ओएमआर में उत्तर भर देने
के बाद उसमें बदलाव संभव नहीं होगा।
बोर्ड की परीक्षाओं में अभ्यर्थी उत्तर भरते समय गलती कर बैठते हैं। इसके बाद अभ्यर्थी ओएमआर में काला किए हुए भाग को पहले रबर से मिटाने की कोशिश करते हैं जिसमेें ओएमआर खराब हो जाती है। कई अभ्यर्थी काला किए हुए भाग को व्हाइटनर लगाकर उत्तर बदलने की कोशिश करते हैं। अब ऐसी कोशिश करने वालों की ओएमआर नहीं जांची जाएगी। परीक्षा में गलत उत्तर भरने के बाद उत्तर बदलना ठीक नहीं होगा।
शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष हीरालाल गुप्त के मुताबिक उत्तर बदलने की किसी प्रकार की कोशिश ओएमआर की कार्बन कॉपी में दर्ज हो जाएगी। ऐसे में उस प्रश्न का मूल्यांकन नहीं होगा। परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थी को किसी भी हालत में व्हाइटनर नहीं लाने दिया जाएगा, यदि कोई ले गया तो उसकी कॉपी का मूल्यांकन नहीं होगा। ओएमआर में व्हाइटनर लगाने के बाद परीक्षार्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं। इसी परेशानी से बचने केलिए चयन बोर्ड ने पहले से ही स्पष्ट घोषणा कर दी है। दरअसल टीईटी, दरोगा भर्ती परीक्षा सहित कई अन्य परीक्षाओं में व्हाइटनर लगाने वाले अभ्यर्थी कोर्ट चले जाते हैं, जिससे चयन प्रक्रिया फंस जाती है।
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बोर्ड की परीक्षाओं में अभ्यर्थी उत्तर भरते समय गलती कर बैठते हैं। इसके बाद अभ्यर्थी ओएमआर में काला किए हुए भाग को पहले रबर से मिटाने की कोशिश करते हैं जिसमेें ओएमआर खराब हो जाती है। कई अभ्यर्थी काला किए हुए भाग को व्हाइटनर लगाकर उत्तर बदलने की कोशिश करते हैं। अब ऐसी कोशिश करने वालों की ओएमआर नहीं जांची जाएगी। परीक्षा में गलत उत्तर भरने के बाद उत्तर बदलना ठीक नहीं होगा।
शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष हीरालाल गुप्त के मुताबिक उत्तर बदलने की किसी प्रकार की कोशिश ओएमआर की कार्बन कॉपी में दर्ज हो जाएगी। ऐसे में उस प्रश्न का मूल्यांकन नहीं होगा। परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थी को किसी भी हालत में व्हाइटनर नहीं लाने दिया जाएगा, यदि कोई ले गया तो उसकी कॉपी का मूल्यांकन नहीं होगा। ओएमआर में व्हाइटनर लगाने के बाद परीक्षार्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं। इसी परेशानी से बचने केलिए चयन बोर्ड ने पहले से ही स्पष्ट घोषणा कर दी है। दरअसल टीईटी, दरोगा भर्ती परीक्षा सहित कई अन्य परीक्षाओं में व्हाइटनर लगाने वाले अभ्यर्थी कोर्ट चले जाते हैं, जिससे चयन प्रक्रिया फंस जाती है।
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