16 हजार शिक्षकों की भर्ती से बीटीसी-2013 बैच बाहर, हाईकोर्ट ने कहा कि शासनादेश में कोई विसंगति नहीं

इलाहाबाद : 16448 शिक्षकों की भर्ती में शामिल होने के मंसूबे देख रहे बीटीसी-2013 बैच के अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें कोई राहत न देते हुए इस भर्ती से बाहर कर दिया है और कहा है कि इस बारे में जारी शासनादेश में कोई विसंगति नहीं है।
राज्य सरकार को भर्ती के बारे में शासनादेश जारी करने का अधिकार है।1यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार मिश्र ने मनीष कुमार सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। याचियों ने कहा था कि चूंकि 16448 भर्ती में नियुक्ति अधिकारी बीएसए है, इसलिए शासन को इस प्रकार का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। ऐसा आदेश सिर्फ बीएसए ही जारी कर सकता है। इस पर बीटीसी-2011-12 बैच के अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता अशोक खरे, राधाकांत ओझा व आशीष त्रिपाठी आदि ने प्रतिवाद किया।

कोर्ट सुनवाई पूरी होने के बाद गत 18 जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया था। सोमवार को यह फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शासन को शिक्षकों की भर्ती के बारे में निर्देश जारी करने का अधिकार है। 1शासन ने इस भर्ती के संबंध में निर्देश जारी किया था कि 16 जून, 2016 तक अभ्यर्थियों की न्यूनतम शैक्षिक/प्रशिक्षण अर्हता पूरी होनी चाहिए। इस तारीख के बाद प्रशिक्षण पूरा करने वाले अभ्यर्थी भर्ती में नहीं शामिल हो सकते।
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