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राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों / पेरा टीचर्स/ विद्यार्थी मित्रों को बगैर टेट / सीधी भर्ती के बताया अवैध

राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुनील अम्ब्वानी और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच ने विद्यार्थी मित्र (उत्तर प्रदेश में इन पेरा शिक्षक को शिक्षा मित्र कहा जाता है ) को बगैर टेट / डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के सही नहीं माना और स्पेशल अपील निस्तारित कर दी ।

उन्होंने शिक्षा में गुणवत्ता हेतु कई टिप्पणियां की और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णय के कई अंशों को उद्धत किया
विद्यार्थी मित्रों / कॉन्ट्रेक्ट शिक्षकों की सेकड़ो याचिकाएं सिंगल बेंच ने ख़ारिज करते हुए उनकी सेवा समाप्ति को सही मन था , इसके बाद उनके सस्पेशल अपील पर निर्णय भी उनके विरुद्ध आया , दुखदलगा लेकिन न्याय तो अपनी जगह है , अगर भर्ती के कुछ नियम बने तो फिर उसका पालन
करते हुए न्याय ऐसे फैसले दे देता है , जो कई बार लोगो के लिए दुखद भी होते हैं
इस निर्णय में कई टेबल्स टेक्स्ट फॉर्म में नहीं आ पाई थी.
राजस्थान हाई कोर्ट Chief Justice Bench ने शिक्षा मित्रों / पेरा टीचर्स को बगैर टेट / सीधी भर्ती के बताया अवैध -RTET SARKARI NAUKRI News- राजस्थान हाई कोर्ट Chief Justice Bench ने शिक्षा मित्रों / पेरा टीचर्स को बगैर टेट / सीधी भर्ती के बताया अवैध -See Judgement ->>>अगर आप लोगो की कोई राय / टिप्पणी हो तो ब्लॉग पोस्ट में नीचे लिंक है ,जरूर करें राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुनील अम्ब्वानी और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच ने विद्यार्थी मित्र (उत्तर प्रदेश में इन पेरा शिक्षक को शिक्षा मित्र कहा जाता है ) को बगैर टेट / डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के सही नहीं माना और स्पेशल अपील निस्तारित कर दी । उन्होंने शिक्षा में गुणवत्ता हेतु कई टिप्पणियां की और सुप्रीम कोर्ट केपूर्व निर्णय के कई अंशों को उद्धत कियाविद्यार्थी मित्रों / कॉन्ट्रेक्ट शिक्षकों की सेकड़ो याचिकाएं सिंगल बेंच ने ख़ारिज करते हुए उनकी सेवा समाप्ति को सही मन था , इसके बाद उनके सस्पेशल अपील पर निर्णय भी उनके विरुद्ध आया , दुखदलगा लेकिन न्याय तो अपनी जगह है , अगर भर्ती के कुछ नियम बने तो फिर उसका पालन करते हुए न्याय ऐसे फैसले दे देता है , जो कई बार लोगो के लिए दुखद भी होते हैं इस निर्णय में कई टेबल्स टेक्स्ट फॉर्म में नहीं आ पाई थी , और कुछ बातेंपी डी ऍफ़ फाइल की छूट गयी , इसलिए पूरी कॉपी हाई कोर्ट की वेबसाइट पर देखें ******Important Parts >>>The appellant-petitioner was engaged as 'Vidhyarthi Mitra'The appellants in other Special Appeal are amongst a large number of persons, who were appointed as 'Vidhyarthi Mitras', in the School of Elementary Education state in continuing with the Vidhyarthi Mitra Scheme and permitting the teaching by the unqualified persons in the schools run by the State is avowedly illegal, arbitrary and falls foulof Article 21A of the Constitution of India.National Council of Teachers EducationAct, by the NCTE, which has been declared as Academic Authority authorised by the Central Government by notification, it is not legally permissible to employ the teachers whohave not passed the Teacher Eligibility Test (‘TET’)30.It is well settled that the regular posts in the cadre are required to be filled in by way of the regularrecruitment process under the Rules. Of course, as noticed above, theurgent temporary appointment to the extent permissible under the Rules can be made till the availability of regularly selected candidates but then, the appointment on contractual basis is not envisaged under the relevant recruitment Rules. A31. In this view of the matter, the Vidhyarthi Mitra Scheme introduced by the State Government providing for engagement of Vidhyarthi Mitra on contractual basis against the vacant posts of Teachers in various cadres ignoring the eligibility qualification prescribed and the procedure prescribed for the recruitment is ex facie dehors the relevant recruitment RulesNajuk Umra Mein Bachhon ke Saath Supreme Court Ne Achhe Shikshkon Dwara Shiksha Par Jor Deeya Hai ->>>The Hon'ble Supreme Court time and again has emphasized for quality educations in the schools and deprecated the practice of employing unqualified untrained teachers to teach the children of tender age in the schools.19. We are of the view that quality of education to be imparted to the children in the school cannot be compromised at any costs. Even if, there are vacancies, the posts are not allowed to be filled up by teachers who are not trained and who are not 21. We also do not find any good ground to issue any directions to allow any ad hoc arrangement and declare that the State Government shall not compromise with the legal position as explained by learned Single Judge. There shall be no recruitment of Vidhyarthi Mitra nor any scheme will bemade on ad hoc basis or of unqualified teacher or even qualified teacher de hors the service rules.22. The Special Appeal is accordingly dismissed.****************1IN THE HIGH COURT OF JUDICATURE FOR RAJASTHAN AT JODHPUR: JUDGMENT: Hitesh Parihar Vs.State of Rajasthan & Ors.D.B.Civil Special Appeal (W) No.21/2014 Date of
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