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पहले तबादलों का आदेश जारी कराने और बाद में सूची का इंतजार : अंतर जिला स्थानांतरण मामला

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद जैसा अंदेशा था, ठीक वैसा ही हो रहा है। अंतर जिला तबादलों के कारण परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन ठप हो गया है। नए शैक्षिक सत्र के शुरू हुए तीन माह बीत रहे हैं, अब तक स्कूलों में पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है।
पहले जो शिक्षक अंतर जिला तबादला प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे थे, वह अब स्थानांतरण आदेश की राह देख रहे हैं। तमाम शिक्षकों ने यह मान लिया है कि उनका तबादला हो रहा है ऐसे में स्कूल नहीं जा रहे हैं तो कई ऐसे भी हैं जो मेडिकल या फिर अन्य कारण बताकर अवकाश पर हैं।

बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। इसके लिए नए साल की शुरुआत से योजनाबद्ध तरीके से मुहिम चल रही है। उस समय प्रदेश भर के शिक्षक एकजुट होकर अंतर जिला तबादले की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। किसी तरह से शासन ने यह मांग मानी, लेकिन तबादला आदेश जारी करने में ही महीनों लग गए। अप्रैल व मई माह तबादला आदेश के इंतजार में बीता, जबकि जुलाई में शिक्षक तबादला आवेदन, काउंसिलिंग आदि औपचारिकताएं पूरी करने में जूझते रहे। अगस्त माह का पहला पखवारा तबादला आदेश के इंतजार में निकलता जा रहा है। स्थानांतरण पूरा करने को दो बार समयावधि तय हुई, लेकिन नतीजा सिफर रहा है। तबादलों से शिक्षकों को अब तक भले ही लाभ या हानि नहीं हुई है, लेकिन शैक्षिक सत्र के पहले तीन महीने बेकार चले गए हैं। ताज्जुब यह है कि तबादलों को लेकर बना ऊहापोह का माहौल आखिर कब कायम रहेगा, यह बताने वाला भी कोई नहीं है। अफसर तबादला सूची पर कुंडली मारे बैठे हैं, शासन में खींचतान थमने का नाम ही नहीं ले रही है। कहा जा रहा है कि अपनों को स्थानांतरित कराने के चक्कर में बड़े अफसर सूची जारी नहीं करने दे रहे हैं।

किताबें, बैग एवं ड्रेस भी नहीं मिला : परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का बंटाधार करने में शिक्षकों की ढिलाई के साथ ही शासन की अनदेखी भी कम नहीं है। अभी तक स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची है यह जरूर है कि सितंबर में किताब वितरण का दावा जरूर किया जा रहा है। यही हाल बैग एवं ड्रेस का भी है। वह कब मिलेगा किसी को नहीं मालूम। कुछ विद्यालयों में पुरानी किताबों से जैसे-तैसे पढ़ाई के नाम पर लकीर पीटी जा रही है। इसी बीच खंड शिक्षा अधिकारियों के तबादलों ने भी रही-सही कसर पूरी कर दी है। दर्जनों खंड शिक्षा अधिकारियों ने नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है।

सतत मूल्यांकन के नाम पर खानापूरी

बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में गुरुवार से सतत मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू होनी है। इसके लिए बच्चों को परीक्षा देनी होगी। यह कार्य किसी मजाक से कम नहीं है, क्योंकि किसी विद्यालय को किताबें आदि तक वितरित नहीं हो सकी हैं, ऐसे में इस मूल्यांकन का औचित्य क्या है। वहीं बच्चों को अब तक पढ़ाया कुछ नहीं गया है, तब किस बात की परीक्षा होगी।
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