यूपी हाईकोर्ट ने नोटबंदी को केंद्र सरकार का साहसिक फैसला बताया

लखनऊ (जेएनएन)। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी के केंद्र सरकार के फैसले को साहसिक निर्णय बताते हुए इसकी प्रशंसा की। शुक्रवार को न्यायालय ने नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने
वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की और याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति एके श्रीवास्तव (द्वितीय) की खंडपीठ ने यह आदेश गौरव गुप्ता की ओर से दाखिल उस याचिका पर दिया, जिसमें 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों को बहाल करने की मांग की गई थी।
असिस्टेंट सॉलीसिटर जनरल एसबी पांडेय के मुताबिक याची की ओर से तर्क दिया गया कि आम जनता को बंद हो चुके नोटों के स्थान पर दूसरे छोटी धनराशि के नोटों की व्यवस्था करने का समय नहीं दिया गया। केंद्र सरकार का फैसला बहुत ही आकस्मिक था, जिससे आम जनता को बहुत कष्ट उठाना पड़ रहा है। याची ने दावा किया कि यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया है और तरीका भी ठीक नहीं है। लोगों को जरूरी दवाइयां खरीदने में परेशानी हो रही है, अस्पतालों में भी मरीजों के तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार के फैसले का बचाव करते हुए असिस्टेंट सॉलीसिटर जनरल ने न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि जाली नोटों, काला धन, आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई के मद्देनजर यह फैसला मील का पत्थर है। उन्होंने याचिका को खारिज किए जाने की मांग की। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि निश्चित ही केंद्र सरकार का फैसला अच्छा और साहसिक है। असिस्टेंट सॉलीसिटर जनरल के अनुसार किसी अच्छे काम के लिए थोड़ा कष्ट तो उठाना ही पड़ता है। दूरगामी फायदे के लिए थोड़ा बहुत तात्कालिक कष्ट उठाना गलत नहीं है।
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