17 नवम्बर सुप्रीम कोर्ट के सामने दो प्रमुख मुद्दे : मयंक तिवारी

कल से बड़ी-बड़ी हस्तियों और नेताओं के ट्यूट पड़ रहा हूँ। सभी प्रधानमंत्री मोदी जी के इस ऐतिहासिक फैसले की तारीफ ही कर रहे है। ये बिलकुल वैसे ही हुआ है जो पाकिस्तान के साथ एक माह पूर्व हुआ था।
सर्जिकल स्ट्राइक भी झेला था और रो भी नही पा रहे थे। वही हाल आज देश के विशुद्ब काले अमीरों का है अगर विरोध में लिखेंगे तो साबित हो जाता है कि ये जरूर तगड़ा माल दावे हुए है।
गजब मोदी जी
ख़ैर कुछ प्रयोगात्मक कठिनाइयों को छोड़ दिया जाये तो यह निर्णय शानदार ही कहा जायेगा। तकनीकी रूप से तो कई समाश्याएं देखने को मिल रही है और कुछ दिन तक निकट भविष्य में देखने सुनने और झेलने को मिलेंगी। परन्तु यदि हम एक दूसरे को सहयोग करें तो इस फैसले से अमूलचूल परिवर्तन होना तय है।
फ़िलहाल अब बात करें बीएड/टेट अभ्यर्थियों के भविष्य की तो सुप्रीम कोर्ट के सामने दो प्रमुख मुद्दे है पहला "यदि अयोग्य शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बना रहने दें तब योग्य मानक पूरा करने वाले अभ्यर्थियों को रोजगार किस आधार पर नियुक्त नही किया जायेगा।" और दूसरा "यदि अयोग्य शिक्षामित्रों को हाइकोर्ट की भाँति ही निकाल दें तो RTEएक्ट का पालन हेतु कौन अभ्यर्थी विकल्प होंगे।" दोनों ही स्तिथि में सुप्रीम कोर्ट को समस्त बीएड/टेट२०११ पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति देनी ही होगी।
हिसाब सबका होता है ऊपरवाले के घर देर है अंधेर नही। आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
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