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चयनित शिक्षकों के वेतन में से नियमानुसार जीपीएफ कटौती का आदेश, हाईकोर्ट का राज्य सरकार को छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने वर्ष 2004 में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के बाद सहायक अध्यापक पद पर चयनित शिक्षकों के वेतन में से नियमानुसार जीपीएफ कटौती का आदेश राज्य सरकार को दिया है।
न्यायालय ने यह आदेश प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन की ओर से वर्ष 2014 में दाखिल एक याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया था कि चयनित प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग अगस्त 2004 में शुरू हुई। छह माह बाद फरवरी 2005 में सभी की नियुक्ति हो जानी चाहिये थी लेकिन सरकार की ओर से लेटलतीफी के कारण दिसंबर 2005 में नियुक्ति हो सकी और अब तक इन सभी की जीपीएफ कटौती सरकार ने नहीं की है। याचिका में कहा गया कि सरकार सभी शिक्षकों की नियुक्ति पहली अप्रैल 2005 के बाद की बताते हुए, नई पेंशन स्कीम के तहत जीपीएफ कटौती का प्रावधान न होने की बात कह रही है। याची एसोसिएशन की ओर से तर्क दिया गया कि अगस्त 2004 में शुरू हुई ट्रेनिंग के छह महीने बाद समाप्त होकर होने पर प्रशिक्षुओं को अप्रैल 2005 से पूर्व नियुक्ति मिलनी चाहिए थी लेकिन देर सरकार की ओर से की गई। याचिका पर सुनवाई के बाद उपरांत न्यायमूर्ति पीके सिंह बघेल की एकल सदस्यीय पीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए याचियों के वेतन में से जीपीएफ कटौती का आदेश दिया। हालांकि न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि जीपीएफ फंड का विषय न्यायालय के अंतिम आदेश के आधीन होगा। न्यायालय ने राज्य सरकार को छह सप्ताह में जवाब भी दाखिल करने का आदेश दिया है।

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