शिक्षामित्र निष्क्रिय अब स्थिति हाईकोर्ट जैसी: लिखना नही चाहता था पर लिखना पड़ रहा है

*टेटुए सक्रिय*शिक्षामित्र निष्क्रिय*स्थिति--- हाईकोर्ट जैसी*अन्तिम पड़ाव--12 सितम्बर जैसा*
डेट पड़ने पर हमारे समायोजित शिमि साथी (कुछ सक्रिय साथियों को छोड़कर) इतना खुश होते है कि जैसे 33 किलो का बकरा हलाल कर दिये है और सोचते है चलो अब प्रत्येक माह इतने ही किलो का बकरा हलाल करेगे तथा 3 महीने जमकर 99 किलो खुद खायेगे।
लगे हाथ कसम भी खा लेते है कि किसी को एक ग्राम भी नही देगें। यहाॅ तक कि जिस के भरोसे 99 की मात्रा पाते है उसे भी 1% नही देते।। *ये भी नही सोचते कि हमारे
असमायोजित साथियों को डेट बढ़ने पर दु:ख होता होगा क्योंकि उनके भी समायोजन के मैटर का फैसला होना लम्बित है। अगर उन्हे खुश नही कर सकते तो अपने व्यवहारों से दुःखी तो न करे।*
*अरे शर्म करो या चुल्लू भर पानी में डूब मरो जो अपनी नौकरी बचाने के लिए 99000 (प्रत्येक 3 माह में) पाकर भी हमारे लिए संघर्ष कर रहे संगठन/टीम को सहयोग न कर सके।।*
99000 पाने के बाद कम से कम 5000 कोर्ट मैटर के लिए आराम से अलग किया जा सकता है परन्तु ऐसा नही होता है। कुछ/2% सक्रिय साथी ऐसा करते भी है परन्तु 15%से20% साथी किसी एक संगठन/टीम को 1000/500 का सहयोग भी बड़ी मुश्किल से ही करते है। *(खैर इस बार तो मा0 मोदी जी का खबर- नोट बन्दी का कहर---एक बहाने का असर सहयोग पर हाबी रहा और संगठन/टीम को हाईकोर्ट जैसी स्थिति पर लाकर खड़ा कर दिया। शुक्र मनाओ मा0 दीपक मिश्रा जी का कि 23 नवम्बर शिमि मैटर को भी 17 नवम्बर में ही टैगकर अगली डेट 22 फरवरी कर दी वरना 23 नवम्बर में केवल AOR से ही काम चलाना पड़ता और हाॅ यदि सुनवाई हो जाती तो समझो राम नाम सत्य होना ही था। )*
ऐसा लगता है कि अधिकांश समा0शिमि अपने *प्रमोशन* के लिए धन जमा करने में लगे है जिसके कारण किसी भी संगठन/टीम को एक फूटी कौड़ी भी सहयोग नही करते। वे 12 सितम्बर के घड़ियाली आॅसुओ को भूल चुके है। एक एक माह का वेतन देने वाले फोन उठाना गॅवारा नही करते। अगर फोन उठ गया तो रटा रटाया जवाब--
*भैया पैसवे नही है,*
*यक्कै लोग का दै पाइब,*
*अबही दिहन रहा फिर देई,*
*वै लइकै चला गये अब नाही है,*
*बैंक से पैसवे नाई मिल पावा।*
*वै जिलवम तो लेतै नाई है तोहरे हरदम माॅगत हौ।*
आदि आदि,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अगर एक लोग को दे दिये तो ऐसे ताव से बताते है कि जैसे कि अधिक दिये होगे पर बाद में पता चलता है कि 500 दिये थे।
*खैर जिन लोगो ने कोर्ट मैटर में सहयोग किये है वह धन्यवाद के पात्र है चाहे वह सहयोग 500 ही क्यो न रहा हो। सहयोग न करने वाले कंजूसो से तो 500 का सहयोग करने वाले साथी बेटर है।।*
हमें आशा है कि आने वाले 22 फरवरी 2017 की डेट में हमारे सभी साथी सहयोग करेगे।।
मेरे इस पोस्ट का मतलब सोये हुए/निष्क्रिय साथियों को जगाना है न कि किसी भाई को तकलीफ देना।
फिर भी किसी साथी को तकलीफ हुई है तो हमें क्षमा करे।।
धन्यवाद।
रमजान अली(SM)-बलरामपुर
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