साथियो 2012 में जब सपा सरकार बनी थी और पिछली सरकार द्वारा लागु टेट मेरिट को ख़त्म करके एकेडेमिक मेरिट लागु की गई थी जिसमे बेसिक सर्विस रूल-1981 के 12 वें संशोधन को खत्मकर 15 वां संशोधन लाया गया था,,,
1) सर्विस रूल प्रॉस्पेक्टिव नेचर के होते हैं अतः वर्तमान सपा सरकार द्वारा बेसिक सर्विस रूल-1981 में किया गया 15 वां संशोधन, 12 वें संशोधन से टेट मेरिट पर आये 30/11/2011 के 72825 पदों बाले विज्ञापन पर लागू नही होते,,, अर्थात सर्विस रूल रेट्रोस्पेक्टरिवली हमारे 30/11/2011 के विज्ञापन पर लागू नही होता....
2) टेट मेरिट लागु करना वर्तमान सरकार का नीतिगत निर्णय था जो कि सभी अभ्यर्थियों को सामान अवसर प्रदान करता है अतः टेट मेरिट पक्षपाती नही है क्योंकि टेट मेरिट में सभी अभ्यर्थी एक सामान परीक्षा में प्रतिभाग कर सामान अवसर प्राप्त कर रहे हैं जबकि एकेडेमिक मेरिट सभी अभ्यर्थियों को सामान अवसर प्रदान नही करता है क्योंकि विभिन्न बोर्ड, यूनिवर्सिटी में मार्किंग सिस्टम अलग-अलग होने के कारण सामान अवसर का नितांत आभाव है...
वहीँ कुछ लोंगो ने विवादों को बढ़ाने के लिए टेट वेटेज आदि की भी मांग शुरू कर दी जिसके पक्ष में NCTE द्वारा जारी टेट गाइड लाइन के पैरा 9 B का हबाला दिया गया कि शिक्षक भर्ती में टेट वेटेज अनिवार्य है अतः 15 वां संशोधन अवैध है क्योंकि इसमें टेट वेटेज नही दिया गया है अतः इसे खारिज किया जाये.... इस कारण हाइकोर्ट में तीन जजों की बेंच का गठन हुआ और हमारा आर्डर आने अनावश्यक देरी हुई....!
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2) टेट मेरिट लागु करना वर्तमान सरकार का नीतिगत निर्णय था जो कि सभी अभ्यर्थियों को सामान अवसर प्रदान करता है अतः टेट मेरिट पक्षपाती नही है क्योंकि टेट मेरिट में सभी अभ्यर्थी एक सामान परीक्षा में प्रतिभाग कर सामान अवसर प्राप्त कर रहे हैं जबकि एकेडेमिक मेरिट सभी अभ्यर्थियों को सामान अवसर प्रदान नही करता है क्योंकि विभिन्न बोर्ड, यूनिवर्सिटी में मार्किंग सिस्टम अलग-अलग होने के कारण सामान अवसर का नितांत आभाव है...
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