यूपी में बीटीसी बना डीएलएड कोर्स, संशोधन पर बैठक में लगी मुहर

इलाहाबाद : प्रदेश.में.दो.साल.का बेसिक.टीचिंग सर्टिफिकेट. (बीटीसी) कोर्स अब डिप्लोमा. इन. एलीमेंटरी. एजुकेशन.(डीएलएड) के नाम से जाना जाएगा। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए जरूरी बीटीसी कोर्स का नाम बदलने को बेसिक शिक्षा परिषद ने मंजूरी दे दी है।
इस पर शासन की मुहर लगना भी तय है। यह कदम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई के निर्देश उठाया
गया है। वैसे तो डीएलएड का कोर्स चार वर्ष का है, लेकिन यूपी में बीटीसी को ही डीएलएड कहा जाएगा। उम्मीद है कि नये सत्र से यह प्रभावी होगा। राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान उप्र यानी सीमैट इलाहाबाद में शुक्रवार को परिषद की बैठक में करीब एक दर्जन से अधिक बिंदुओं पर चर्चा हुई और जिन पर आम सहमति बनी हैं, उन्हें शासन के पास मंजूरी के लिए जल्द ही भेजा जाएगा। अब बैठक नियमित करने पर भी सहमति बनी है। असल में एनसीटीई पूरे देश में एक जैसा पाठ्यक्रम लागू करना चाहता है। देश के अन्य प्रांतों में डीएलएड लागू हो चुका है। यूपी में इस पर अब अमल होने जा रहा है। शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह, बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा, राज्य शैक्षिक संस्थान के प्राचार्य दिव्यकांत शुक्ल, दिनेश शर्मा, लल्लन मिश्र, शिवशंकर पांडेय, जबर सिंह, संजय सिंह आदि रहे।

कक्षा एक से तीन की किताबों में संशोधन पर मुहर : एससीईआरटी के निर्देश पर राज्य शैक्षिक संस्थान ने कक्षा एक से तीन की किताबों में तमाम संशोधन किये हैं। पाठ्यक्रम को अभ्यास, चित्र आधारित व कविता, कहानी में पढ़ाने का निर्देश हुआ है। साथ ही उसे प्रयोग परक बनाया गया है। इसी तरह आठवीं कक्षा के विज्ञान विषय में डेंगू की रोकथाम को पाठ्यक्रम में जगह मिली है।

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