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महापुरुषों के नाम पर अब सियासी घेरेबंदी, 15 छुट्टियों को निरस्त करने का मामला

लखनऊ : विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाने वाली भाजपा अब महापुरुषों के नाम पर सियासी घेरेबंदी शुरू कर रही है। इस अभियान में सहयोगी दलों को आगे करके सरकार बुन रही है।
सरकार में साझीदार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश
राजभर के अंबेडकर स्मारक दौरे से इस तरह के समीकरण उभरे हैं।1 मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अंबेडकर स्मारक में रविवार को दौरा कर महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की तो इसके सियासी निहितार्थ तलाशे जाने लगे। मंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में यह साफ संदेश गया है कि अब महापुरुषों के नाम पर सरकार कुछ नए कदम उठाने जा रही है। अंबेडकर स्मारक में अभी तक बसपा हुकूमत की पसंद के महापुरुषों की प्रतिमाएं लगी हैं। सरकार उन महापुरुषों को भी महत्व देने जा रही है जिनके अनुयायियों की बड़ी तादाद है। राजभर समाज और पासी समाज दोनों सुहेलदेव को अपना मानते हैं। ओमप्रकाश राजभर तो सुहेलदेव के नाम पर ही अपना राजनीतिक दल चलाते हैं। बहराइच में आक्रांता गाजी सैयद सालार से मुकाबला कर उसे पराजित करने की वजह से सुहेलदेव की वीरता के चर्चे होते हैं। सुहेलदेव के नाम पर केंद्र सरकार ने ट्रेन भी चलाई है।
महापुरुषों के नाम पर होने वाली सियायत में हस्तक्षेप तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंबेडकर जयंती पर ही कर दिया था। तब उन्होंने महापुरुषों के नाम पर होने वाली 15 छुट्टियों को निरस्त कर दिया। अब सरकार स्कूलों से लेकर विभागों में महापुरुषों के नाम पर गोष्ठी कराने के निर्देश दे चुकी है। एक तरफ महापुरुषों को महत्व देने की योजना है और दूसरी तरफ विरोधी दलों को उनके ही हथियार से मात देने की कवायद। खबर है कि अब ऐसे महापुरुषों के नाम पर योजनाओं के संचालन से लेकर उनकी प्रतिमा स्थापित करने में सरकार तेजी दिखाएगी। यह एक ऐसा दांव है जिसका कोई विरोध भी नहीं कर सकता है। विधानसभा चुनाव की तैयारी के समय से ही भाजपा ने जातीय गोलबंदी के लिए कई समीकरण बनाए। खासकर दलितों और पिछड़ों को लामबंद करने में तेजी दिखाई। चुनाव के एक वर्ष पहले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के दिग्गज नेताओं ने अंबेडकर के नाम पर आयोजित कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। धम्म चेतना यात्र निकाली गई। उधर, सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम पर आयोजित रैली से लेकर महाराजा सुहेलदेव के नाम पर भी कई कार्यक्रम हुए। अपना दल के लोगों ने छत्रपति शाहूजी महराज और सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम पर खूब आयोजन किए।

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