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शिक्षामित्रों के समायोजन के नियम तै करने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार पर : NCTE

*शिक्षामित्र मामले में एनसीटीई ने हलफनामा दाखिल क्यों नहीं किया?*
आज एनसीटीई की ओर से विक्रमादित्य सिंह की याचिका पर दाखिल हलफनामे के 50 में से 45 पेज शिक्षामित्रों को टेट छूट का बचाव करते हुए हैं।
*प्रथम दृष्टियः ये ही प्रतीत होता है के ये शपथपत्र शिक्षामित्र समायोजन केस में दाखिल करने को ही तैयार किया गया हो किन्तु भूलवश इसे अकादमिक मेरिट मामले में दाखिल कर दिया गया हो।*
इस हलफनामे में वो सभी तथ्य सम्मिलित हैं जो एमएससी ग्रुप अपने सबमिशन में दाखिल कर के कोर्ट के समक्ष एक्सप्लेन कर चुका है।
*मज़ेदार बात ये कि एमएससी ग्रुप ने भी 26 अक्टूबर 2015 के एनसीटीई के पत्र के उस भाग को उद्धृत किया है जिस को आज एनसीटीई ने अपने हलफनामे में लगाया है। जिसके तहत शिक्षामित्रों को अनट्रेंड टीचर बताते हुए टेट छूट की बात कही गयी है और समायोजन के नियम तै करने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार पर डाल दी गयी है। कुल मिलाकर इस हलफनामे को कोर्ट हमारे सबमिशन से जोड़ के देखेगी, ऐसा विश्वास है।*
नोट:- अकादमिक भर्ती मामले अर्थात टेट वेटेज संबंधी हलफनामे के पेज प्राप्त न होने से उसपर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप, यूपी।
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