*20 सितम्बर को जारी शासनादेश के बाद...*
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें।
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो।।
योगी सरकार के द्वारा जारी 10 हज़ार मानदेय के शासनादेश के बाद सरकार का खफा होना हमे क्या नुकसान पहुंचा सकता है? कुछ भी नहीं।
क्योंकि जिसने कुछ दिया ही नही वो हमसे कुछ छीन भी नही सकता है। लोगों को खौफ है कि टेट वेटेज और आयु में छूट सरकार छीन लेगी, लेकिन ये दोनों छूट तो कोर्ट के कहने पर दी जा रही हैं, इसमे सरकार का रोल नहीं है। सरकार का रोल वेटेज कितना हो ये तय करने में है, लेकिन वेटेज किसी भी व्यक्ति को अन्य के बराबर लेन के लिए होता है इसलिए 15 अंक से कम दिया नही जा सकता है। राज्य सरकार खफा होकर सिर्फ हमे शिक्षामित्र ही न बनाये, इतना वो ज़रूर कर सकती है।
तो कर ले !! डरता कौन है।
राह में ख़तरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है।।
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है।।
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल मैं अकेला हूँ मगर।
फ़ैसला मैदान में होगा कि मरता कौन है।।
*अब बात मुद्दे:- जैसाकि हम सब जानते हैं कि हमारी हार हाई कोर्ट में लचर पैरवी के कारण हुई। अगर अब हम लोग हाईकोर्ट में पुनः शिक्षामित्र केस की सुनवाई नए सिरे से करवा लें तो सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी। इस दिशा में एमएससी ग्रुप ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। हम लोग केस को नए सिरे खुलवाने के लिए कटिबद्ध हैं। संघो का आह्वान भी किया गया लेकिन किसी ने संज्ञान नही लिया। राजनीतिक प्रयास आज अपनी अंतिम सांस ले चुके हैं।*
हम लोग पूर्ण मनोयोग से टेट की तैयारी करें और सफल हों। जो लोग सफल न हो पाएंगे उनके लिए हम लोग प्रयासरत हैं। कोशिश ही कामयाबी दिलाती है।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप, यूपी।।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें।
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो।।
योगी सरकार के द्वारा जारी 10 हज़ार मानदेय के शासनादेश के बाद सरकार का खफा होना हमे क्या नुकसान पहुंचा सकता है? कुछ भी नहीं।
क्योंकि जिसने कुछ दिया ही नही वो हमसे कुछ छीन भी नही सकता है। लोगों को खौफ है कि टेट वेटेज और आयु में छूट सरकार छीन लेगी, लेकिन ये दोनों छूट तो कोर्ट के कहने पर दी जा रही हैं, इसमे सरकार का रोल नहीं है। सरकार का रोल वेटेज कितना हो ये तय करने में है, लेकिन वेटेज किसी भी व्यक्ति को अन्य के बराबर लेन के लिए होता है इसलिए 15 अंक से कम दिया नही जा सकता है। राज्य सरकार खफा होकर सिर्फ हमे शिक्षामित्र ही न बनाये, इतना वो ज़रूर कर सकती है।
तो कर ले !! डरता कौन है।
राह में ख़तरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है।।
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है।।
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल मैं अकेला हूँ मगर।
फ़ैसला मैदान में होगा कि मरता कौन है।।
*अब बात मुद्दे:- जैसाकि हम सब जानते हैं कि हमारी हार हाई कोर्ट में लचर पैरवी के कारण हुई। अगर अब हम लोग हाईकोर्ट में पुनः शिक्षामित्र केस की सुनवाई नए सिरे से करवा लें तो सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी। इस दिशा में एमएससी ग्रुप ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। हम लोग केस को नए सिरे खुलवाने के लिए कटिबद्ध हैं। संघो का आह्वान भी किया गया लेकिन किसी ने संज्ञान नही लिया। राजनीतिक प्रयास आज अपनी अंतिम सांस ले चुके हैं।*
हम लोग पूर्ण मनोयोग से टेट की तैयारी करें और सफल हों। जो लोग सफल न हो पाएंगे उनके लिए हम लोग प्रयासरत हैं। कोशिश ही कामयाबी दिलाती है।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप, यूपी।।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
No comments:
Post a Comment