वाराणसी : पशु धन प्रक्षेत्र का लोकार्पण करने शनिवार को शाहंशाहपुर पहुंचे पीएम मोदी की जनसभा में हजारों शिक्षामित्र भी पहुंच गए। खुफिया रिपोर्ट के बाद भी जिला प्रशासन व पुलिस की विफलता के चलते पीएम के
सभास्थल पर माहौल कुछ हद तक अशांतिमय हो गया।
अंतत: सभास्थल पर हंगामा कर रहे 37 शिक्षामित्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शिक्षामित्रों की बड़ी संख्या में गिरफ्तारी के बाद मामला और बढ़ने का अंदेशा है। 1 उपजिलाधिकारी के निर्देश पर पांच-पांच लाख के बांड भरवाने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। कुछ लोग पूर्वाचल राज्य की मांग को लेकर भी मंच के सामने आ गए थे।
शिक्षामित्रों को लेकर पूर्व में ही प्रदेश सरकार की ओर से अलर्ट जारी था कि वाराणसी में पीएम की सभा में शिक्षामित्र खलल डाल सकते हैं। शिक्षा विभाग को कड़े निर्देश थे कि स्कूलों में शिक्षामित्रों की हरहाल में उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। 22 और 23 को सभी स्कूलों की चेकिंग के आदेश भी जारी थे। बावजूद इसके अपनी मांगों के समर्थन में हजारों शिक्षामित्र सुरक्षा-बंदोबस्त के बाद भी पीएम की सभा में पहुंचने में कामयाब हो गए। वो मुख्यमंत्री व पीएम के संबोधन के दौरान शोरगुल करने लगे। सभास्थल के पीछे दूर से कपड़े लहराने लगे। मोदी जिंदाबाद के साथ ही हमारी मांग पूरी करो के नारे लगने लगे। 1आमजन के बीच बैठे शिक्षामित्रों के बाबत मौके पर मौजूद पुलिस को भनक तक नहीं लगी। जब तक सुरक्षा में लगे अधिकारी व जवान कुछ समझते, शिक्षामित्र अपना काम कर गए थे। इससे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गए। आननफानन भीड़ के बीच शिक्षामित्रों की धरपकड़ शुरू हुई। मौके से 37 शिक्षामित्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिनका शांतिभंग की आशंका में चालान काटा गया।
बुरका और हेलमेट से जताया विरोध: कई पुरुष शिक्षामित्रों ने काले रंग के हेलमेट लहराए। कई शिक्षामित्र महिलाएं साड़ी के ऊपर बुरका पहनकर पहुंची थीं। जनसभा के दौरान बुरका उतारकर हवा में लहराते हुए अपना विरोध जताया।
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सभास्थल पर माहौल कुछ हद तक अशांतिमय हो गया।
अंतत: सभास्थल पर हंगामा कर रहे 37 शिक्षामित्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शिक्षामित्रों की बड़ी संख्या में गिरफ्तारी के बाद मामला और बढ़ने का अंदेशा है। 1 उपजिलाधिकारी के निर्देश पर पांच-पांच लाख के बांड भरवाने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। कुछ लोग पूर्वाचल राज्य की मांग को लेकर भी मंच के सामने आ गए थे।
शिक्षामित्रों को लेकर पूर्व में ही प्रदेश सरकार की ओर से अलर्ट जारी था कि वाराणसी में पीएम की सभा में शिक्षामित्र खलल डाल सकते हैं। शिक्षा विभाग को कड़े निर्देश थे कि स्कूलों में शिक्षामित्रों की हरहाल में उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। 22 और 23 को सभी स्कूलों की चेकिंग के आदेश भी जारी थे। बावजूद इसके अपनी मांगों के समर्थन में हजारों शिक्षामित्र सुरक्षा-बंदोबस्त के बाद भी पीएम की सभा में पहुंचने में कामयाब हो गए। वो मुख्यमंत्री व पीएम के संबोधन के दौरान शोरगुल करने लगे। सभास्थल के पीछे दूर से कपड़े लहराने लगे। मोदी जिंदाबाद के साथ ही हमारी मांग पूरी करो के नारे लगने लगे। 1आमजन के बीच बैठे शिक्षामित्रों के बाबत मौके पर मौजूद पुलिस को भनक तक नहीं लगी। जब तक सुरक्षा में लगे अधिकारी व जवान कुछ समझते, शिक्षामित्र अपना काम कर गए थे। इससे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गए। आननफानन भीड़ के बीच शिक्षामित्रों की धरपकड़ शुरू हुई। मौके से 37 शिक्षामित्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिनका शांतिभंग की आशंका में चालान काटा गया।
बुरका और हेलमेट से जताया विरोध: कई पुरुष शिक्षामित्रों ने काले रंग के हेलमेट लहराए। कई शिक्षामित्र महिलाएं साड़ी के ऊपर बुरका पहनकर पहुंची थीं। जनसभा के दौरान बुरका उतारकर हवा में लहराते हुए अपना विरोध जताया।
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