एटा। समायोजन रद्द होने के बाद गुस्साए शिक्षामित्र अब टेट की तैयारी में जुटे हैं। वहीं तमाम शिक्षामित्र ऐसे हैं, जो कोचिंग के बहाने मौज काट रहे हैं।
आलम यह है कि तमाम शिक्षामित्र स्कूलों में हाजिरी लगाकर कोचिंग में चले जाते हैं। इसके चलते स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वहीं तमाम स्कूलों में शिक्षामित्र निरीक्षण रिपोर्ट को लेकर प्रधानाध्यापकों पर दबाव बना रहे हैं। शिक्षामित्रों के व्यवहार को लेकर तमाम शिकायतें विभाग में पहुंच रही हैं।
केस नंबर-एक
शीतलपुर ब्लॉक में शहर से सटे एक प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षामित्र अध्यापिका कार्यरत हैं। समायोजन रद्द होने के बाद से दोनों अध्यापिकाएं गायब हो गईं। शासन ने सख्त रुख अपनाया, तो दोनों ने विद्यालय आना शुरू कर दिया। अब दोनों में से एक अध्यापिका 8 बजे के बाद पहुंचती हैं और हस्ताक्षर करके कोचिंग में चली जाती है।
केस नंबर दो
शीतलपुर ब्लॉक के ही गंजडुंडवारा रोड स्थित एक विद्यालय का हाल भी कुछ ऐसा ही है। शिक्षामित्र फोन पर प्रधानाध्यापिका को बोलकर उपस्थिति लगा देती हैं। इसके बाद वे कोचिंग लेने की बात कहकर चली जाती हैं। जब प्रधानाध्यापिका ने टोका तो शिक्षामित्र ने उन्हें चुपचाप अपना काम करने की नसीहत दे डाली।
नौ बजे से बीआरसी पर कोचिंग
शिक्षामित्रों को टेट की तैयारी कराने के लिए डायट की ओर से ब्लॉक संसाधन केंद्र पर नौ बजे से कोचिंग चलती है। दो घंटे की कोचिंग के बाद अधिकांश शिक्षामित्र अपने घर चले जाते हैं। जबकि स्कूल का समय सुबह सात बजे से एक बजे तक होता है।
15 अक्तूबर तक रहेगा यही हाल
जिले में 15 अक्तूबर को टीईटी की परीक्षा होनी है। तब तक शिक्षा मित्र कोचिंग में भाग लेंगे। ऐसे में स्कूलाें में 15 अक्तूबर तक यही स्थिति रहेगी।
इनका कहना है
शासन के निर्देश पर कोचिंग कराई जा रही है। समय को लेकर जानकारी नहीं है। मामले को दिखवाता हूं। शिक्षण व्यवस्था प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
एसके तिवारी, बीएसए एटा
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आलम यह है कि तमाम शिक्षामित्र स्कूलों में हाजिरी लगाकर कोचिंग में चले जाते हैं। इसके चलते स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वहीं तमाम स्कूलों में शिक्षामित्र निरीक्षण रिपोर्ट को लेकर प्रधानाध्यापकों पर दबाव बना रहे हैं। शिक्षामित्रों के व्यवहार को लेकर तमाम शिकायतें विभाग में पहुंच रही हैं।
केस नंबर-एक
शीतलपुर ब्लॉक में शहर से सटे एक प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षामित्र अध्यापिका कार्यरत हैं। समायोजन रद्द होने के बाद से दोनों अध्यापिकाएं गायब हो गईं। शासन ने सख्त रुख अपनाया, तो दोनों ने विद्यालय आना शुरू कर दिया। अब दोनों में से एक अध्यापिका 8 बजे के बाद पहुंचती हैं और हस्ताक्षर करके कोचिंग में चली जाती है।
केस नंबर दो
शीतलपुर ब्लॉक के ही गंजडुंडवारा रोड स्थित एक विद्यालय का हाल भी कुछ ऐसा ही है। शिक्षामित्र फोन पर प्रधानाध्यापिका को बोलकर उपस्थिति लगा देती हैं। इसके बाद वे कोचिंग लेने की बात कहकर चली जाती हैं। जब प्रधानाध्यापिका ने टोका तो शिक्षामित्र ने उन्हें चुपचाप अपना काम करने की नसीहत दे डाली।
नौ बजे से बीआरसी पर कोचिंग
शिक्षामित्रों को टेट की तैयारी कराने के लिए डायट की ओर से ब्लॉक संसाधन केंद्र पर नौ बजे से कोचिंग चलती है। दो घंटे की कोचिंग के बाद अधिकांश शिक्षामित्र अपने घर चले जाते हैं। जबकि स्कूल का समय सुबह सात बजे से एक बजे तक होता है।
15 अक्तूबर तक रहेगा यही हाल
जिले में 15 अक्तूबर को टीईटी की परीक्षा होनी है। तब तक शिक्षा मित्र कोचिंग में भाग लेंगे। ऐसे में स्कूलाें में 15 अक्तूबर तक यही स्थिति रहेगी।
इनका कहना है
शासन के निर्देश पर कोचिंग कराई जा रही है। समय को लेकर जानकारी नहीं है। मामले को दिखवाता हूं। शिक्षण व्यवस्था प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
एसके तिवारी, बीएसए एटा
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