पूर्व सीएम अखिलेश शिक्षामित्रों को न्याय दिलाने के लिए आगे आये

पूर्व मुख्यमंत्री शिक्षामित्रों को न्याय दिलाने के लिए आगे आये
दिल्ली के जंतर मंतर पर शिक्षामित्र प्रदर्शन करके आये खाली हाथ, तो वहीं शिक्षामित्र के एटा में हुए आंदोलन और लाठीचार्ज के खिलाफ सपा मुखिया और अखिलेश यादव बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं।
उन्होंने इस मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार के रवैये को तानाशाही बताया। इसके लिए अखिलेश यादव के निर्देश पर इस मामले की जानकारी जुटाने के लिए समाजवादी पार्टी के पांच सदस्यीय टीम एटा पहुंची और जेल में निरुद्ध शिक्षामित्रों से वार्ता की

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सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा के पांच सदस्यीय सदस्य विधान परिषद् के प्रतिनिधि मंडल ने एटा में आकर सम्पूर्ण मामले की जांच की और जेल में बंद सभी शिक्षामित्रों से मुलाकात की।

मुलाकात करने के बाद सदस्य विधान परिषद् असीम यादव ने बताया की लोकतांत्रिक देश में जब किसी ने शिक्षामित्रों का ज्ञापन हीं लिया ये गलत है और उन पर जो धाराएं लगाईं गई हैं, वो तो किसी बड़े से बड़े अपराधी पर पुलिस नहीं लगाती और इन मास्टरों पर लगाईं है वो गलत है। मंत्री की मौजूदगी में उन पर आमनवीय रूप से जो व्यवहार हुआ वो गलत है। सपा इस घटना की घोर भर्त्सना करती है। उन्होंने बताया कि इसकी रिपोर्ट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए बड़े स्तर जाएंगे। इस मामले में जो दोषी हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही।उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य मंत्रियों के बयानों पर आपत्ति जताई।

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात के बाद सदस्य विधान परिषद् उदयवीर ने कहा किन आश्वासन देने के बाद जब मंत्री उनसे नहीं मिले तो वहां मौजूद किसी असामाजिक तत्वा ने ईंट फेंक दी, जिस पर पुलिस ने महिला और पुरुष शिक्षामित्रों पर जमकर लाठी चार्ज किया जो पूर्णतः अमानवीय है। मांग है की इन पर जो कड़ी धाराएं लगाई गई हैं वो हटनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि सभी पहलुओं विचार करके कार्रवाई की जाएगा।
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