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टीजीटी 2009 का परीक्षा परिणाम घोषित, शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर शासन की अनुमति लेकर उठाया कदम

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने टीजीटी 2009 का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। आठ वर्ष के लंबे अंतराल के बाद घोषित रिजल्ट की खूबी यह है कि इसमें पूर्व में चयनित अभ्यर्थियों को बाहर नहीं किया गया है, बल्कि 122 नए अभ्यर्थियों को स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी बनने का मौका दिया गया है।
चयन बोर्ड ने शीर्ष कोर्ट के निर्देश के बाद शासन से अनुमति लेकर यह कदम उठाया है। चयनित अभ्यर्थियों को संस्था यानी कालेजों का आवंटन जल्द किया जाएगा। 1चयन बोर्ड ने प्रशिक्षित स्नातक 2009 का विज्ञापन 15 जनवरी 2009 को जारी किया। इसमें सामाजिक विज्ञान बालक वर्ग के 532 व बालिका वर्ग के 72 सहित 604 पदों का विज्ञापन निकला। चयन बोर्ड ने 24 सितंबर 2010 को 547 पदों पर चयन की कार्यवाही पूरी की। इसके बाद इतिहास के छह व नागरिक शास्त्र के एक प्रश्न के उत्तर पर आपत्ति करते हुए कोर्ट में 11 याचिकाएं दाखिल की गईं। हाईकोर्ट ने आठ फरवरी 2012 को उत्तरपुस्तिकाओं के दोबारा मूल्यांकन का आदेश दिया। इसके विरुद्ध चयन बोर्ड की विशेष अपील 13 मार्च 2012 को कोर्ट ने खारिज कर दी, तब चयन बोर्ड ने 10 सितंबर 2012 को दोबारा मूल्यांकन के बाद रिजल्ट घोषित किया। इसमें 261 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए सफल घोषित हुए। पांच से आठ नवंबर 2012 तक अतिरिक्त सफल घोषित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार चला। संशोधित चयन परिणाम 30 सितंबर 2014 को जारी हुआ। इसमें बालक वर्ग में 37 सामान्य, 57 ओबीसी, 25 एससी व बालिका वर्ग में छह सामान्य, सात ओबीसी, चार एससी कुल 136 अभ्यर्थियों का पैनल जारी हुआ और इतने ही पुराने अभ्यर्थी बाहर हो गए। 1संशोधित चयन सूची के बाद कुछ अन्य अभ्यर्थियों ने फिर कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने दो नवंबर 2015 को एकल न्यायाधीश के आठ फरवरी 2012 के आदेश को निरस्त करके सात विवादित प्रश्नों पर विषय विशेषज्ञों की राय लेकर फिर मूल्यांकन कराने के निर्देश दिए। इसी बीच रणविजय सिंह व अन्य ने शीर्ष कोर्ट में सिविल अपील दाखिल की। 20 सितंबर 2017 के शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर चयन बोर्ड ने अंतिम चयन परिणाम सील्ड बंद लिफाफे में प्रस्तुत किया। 29 नवंबर 2017 को शीर्ष कोर्ट ने इस मामले का निर्णय सुरक्षित कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर 2017 को इस मामले में निर्णय सुनाया। 1चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर ने बताया कि 2009 की इस लिखित परीक्षा में 36 हजार 159 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। उनकी उत्तरपुस्तिका का दोबारा मूल्यांकन कराकर अंतिम चयन परिणाम अब घोषित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंतिम परिणाम से पूर्व में चयनित सभी वर्गो की बालक व बालिकाओं का चयन प्रभावित हो रहा था, किंतु शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर उन्हें सेवा न हटाते हुए चयन व आवंटित संस्था को बरकरार रखा गया है। नए संशोधित चयन पैनल में बालक वर्ग में 28 सामान्य, 47 ओबीसी, 31 एससी व बालिका वर्ग में एक सामान्य, नौ ओबीसी, छह एससी समेत 122 नए अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जो 24 सितंबर 2010 के रिजल्ट में नहीं थे। इन नवीन चयनित अभ्यर्थियों को शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर अधिसंख्य पद सृजित करते हुए नियुक्त करने का आदेश दिया गया है। इन अभ्यर्थियों को अन्य कोई परिणामी लाभ नहीं मिलेगा।

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