सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए होने जा रही लिखित परीक्षा सॉल्वर गैंग की कमर तोड़ेगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने परीक्षा का जो प्रस्ताव भेजा है उसमें बहुविकल्पीय प्रश्न की बजाय अति लघु उत्तरीय प्रकृति के प्रश्न रखने की बात है।
विषयवस्तु पर आधारित प्रश्नपत्र होने के कारण सॉल्वर गैंग की सक्रियता पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। रेलवे की आरआरबी भर्ती परीक्षा, हाईकोर्ट की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा, टीईटी समेत अन्य भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी आम बात है।शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़े को जड़ से समाप्त करने के लिए ही विषयवस्तु आधारित परीक्षा कराई जा रही है। बहुविकल्पीय प्रकृति के पेपर में अभ्यर्थी चार में से एक विकल्प अनुमान के आधार पर भी लगा सकता है। लेकिन विषयवस्तु आधारित परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न पर अभ्यर्थी के ज्ञान को परखा जा सकेगा।विषयवस्तु आधारित प्रश्नपत्र में यह आशंका भी नहीं रहेगी कि कक्ष निरीक्षक या कोई साथी परीक्षा दे रहे किसी अभ्यर्थी को सही विकल्प बता दे। इसमें अभ्यर्थी को प्रत्येक प्रश्न का उत्तर स्वयं लिखना होगा। ऐसे में सॉल्वर गैंग या परीक्षक के स्तर से खेल आसान नहीं होगा।सूत्रों के अनुसार तीन घंटे की परीक्षा में एक-एक नंबर के 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्न पत्र का माध्यम अंग्रेजी एवं हिन्दी होगा। प्रदेश में एवं परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन और बोलचाल हिन्दी भाषा में होने के कारण अभ्यर्थियों को अंग्रेजी विषय के प्रश्नों को छोड़कर दूसरे विषय के प्रश्नों के उत्तर हिन्दी भाषा में देने होंगे।
’ परीक्षा पास करने के लिए एक व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा’ लिखित परीक्षा का प्रमाणपत्र परिणाम की घोषणा से पांच साल तक मान्य होगा’ शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा पास करने से किसी अभ्यर्थी को नौकरी नहीं मिलेगी ’ बुकलेट गलत व अस्पष्ट भरने पर उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा
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विषयवस्तु पर आधारित प्रश्नपत्र होने के कारण सॉल्वर गैंग की सक्रियता पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। रेलवे की आरआरबी भर्ती परीक्षा, हाईकोर्ट की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा, टीईटी समेत अन्य भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी आम बात है।शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़े को जड़ से समाप्त करने के लिए ही विषयवस्तु आधारित परीक्षा कराई जा रही है। बहुविकल्पीय प्रकृति के पेपर में अभ्यर्थी चार में से एक विकल्प अनुमान के आधार पर भी लगा सकता है। लेकिन विषयवस्तु आधारित परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न पर अभ्यर्थी के ज्ञान को परखा जा सकेगा।विषयवस्तु आधारित प्रश्नपत्र में यह आशंका भी नहीं रहेगी कि कक्ष निरीक्षक या कोई साथी परीक्षा दे रहे किसी अभ्यर्थी को सही विकल्प बता दे। इसमें अभ्यर्थी को प्रत्येक प्रश्न का उत्तर स्वयं लिखना होगा। ऐसे में सॉल्वर गैंग या परीक्षक के स्तर से खेल आसान नहीं होगा।सूत्रों के अनुसार तीन घंटे की परीक्षा में एक-एक नंबर के 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्न पत्र का माध्यम अंग्रेजी एवं हिन्दी होगा। प्रदेश में एवं परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन और बोलचाल हिन्दी भाषा में होने के कारण अभ्यर्थियों को अंग्रेजी विषय के प्रश्नों को छोड़कर दूसरे विषय के प्रश्नों के उत्तर हिन्दी भाषा में देने होंगे।
’ परीक्षा पास करने के लिए एक व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा’ लिखित परीक्षा का प्रमाणपत्र परिणाम की घोषणा से पांच साल तक मान्य होगा’ शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा पास करने से किसी अभ्यर्थी को नौकरी नहीं मिलेगी ’ बुकलेट गलत व अस्पष्ट भरने पर उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा
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