चयन बोर्ड ने शिक्षक भर्ती मामले में बनाया नया रिकॉर्ड: 547 पदों के लिए 669 अभ्यर्थियों का चयन

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र में मंगलवार को नया रिकॉर्ड बना है। विज्ञापित पदों से अधिक अभ्यर्थियों के चयन का यह अपने आप में है। यही नहीं बिना बोर्ड के अंतिम रिजल्ट घोषित किया गया है। इसमें शासन की सहमति जरूर है लेकिन, संभव सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो सका है।
नए चयनित अभ्यर्थियों में खुशी की लहर है, वहीं पुराने अभ्यर्थियों ने भी राहत की सांस ली है कि अंतिम परिणाम शामिल न होने के बाद भी उनकी सेवा सलामत है। 1अशासकीय माध्यमिक कालेजों के लिए शिक्षकों का चयन करने वाले चयन बोर्ड ने वैसे तो अब तक हजारों रिजल्ट जारी हो चुके हैं लेकिन, मंगलवार को जारी परिणाम उनमें अनूठा है। इसकी वजह यह है कि टीजीटी 2009 सामाजिक विज्ञान का विज्ञापन वैसे तो 532 बालक व 72 बालिकाओं सहित 604 पदों के निकला था, उन पदों का सत्यापन हुआ तो उपलब्ध पद 547 ही बचे। इसके लिए हुई लिखित परीक्षा में इतने ही अभ्यर्थी चयनित हुए। सात प्रश्नों के गलत उत्तर का प्रकरण कोर्ट में पहुंचने से तीन बार उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुआ। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में चयन बोर्ड और प्रदेश के शिक्षा विभाग के अफसरों को फटकारा भी। कोर्ट के निर्देश पर ही अंतिम मूल्यांकन का रिजल्ट अब जारी हुआ है। इसमें 122 नए अभ्यर्थी चयनित हो गए हैं। शीर्ष कोर्ट ने पुराने चयनित अभ्यर्थियों को न प्रभावित न करने का निर्देश दिया था, इसलिए उसका भी पालन किया गया। इसीलिए पदों से अधिक चयनित अभ्यर्थी सामने आए हैं। अब इन अभ्यर्थियों को उन अशासकीय कालेजों में समायोजित किया जाएगा, जहां पद रिक्त है लेकिन, उसका विज्ञापन जारी नहीं हुआ है। यही नहीं पहली बार बिना बोर्ड के यह प्रक्रिया पूरी की गई है। ज्ञात हो कि प्रदेश की भाजपा सरकार बनने के बाद चयन बोर्ड अध्यक्ष व सदस्यों ने एक-एक करके इस्तीफा दे दिया था, वहां पर अब नए अध्यक्ष व सदस्यों का चयन हो रहा है। शासन ने शीर्ष कोर्ट की अवमानना और किरकिरी से बचने के लिए रिजल्ट घोषित करने का निर्देश दिया, क्योंकि तय मियाद पूरी होने जा रही थी। इससे नए चयनित अभ्यर्थी खुश हैं वहीं पुराने अभ्यर्थी भी नौकरी बचने से राहत महसूस कर रहे हैं।

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