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भर्ती घोटाला: अभ्यर्थियों के पास गड़बड़ी की अलग-अलग कहानी,सीबीआई कैंप कार्यालय में तमाम साक्ष्यों के साथ प्रदेश भर से पहुंच रहे अभ्यर्थी

इलाहाबाद : योगी सरकार ने उप्र लोकसेवा आयोग की भर्तियों की भले ही चुनिंदा शिकायतों को ध्यान में रखकर कराई हो लेकिन, जांच के प्रारंभिक चरण में ही शिकायतों की भरमार हो गई है।1
शिकायतें भी केवल जुबानी नहीं है, बल्कि सीबीआइ कैंप कार्यालय पहुंचने वाले अभ्यर्थी तमाम साक्ष्यों का पुलिंदा भी थमा रहे हैं। खास बात यह भी है कि हर अभ्यर्थी के पास आयोग की गड़बड़ियों की एक अलग कहानी है, जो पूरी व्यवस्था व चयन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। 1अध्यक्ष से प्रतिवाद पड़ा महंगा : आयोग की लोअर 2008 परीक्षा अनूप सिंह ने भूगोल व समाजशास्त्र विषय से दी थी। अनूप ने इस परीक्षा में सभी सफल होने वाले अभ्यर्थियों का अंक पत्र दिखाकर यह साबित किया कि भूगोल विषय में सफल होने वाले सभी अभ्यर्थियों के अंक बढ़े हैं। केवल उनका ही 12 अंक घटा दिया गया। उनका यह भी दावा है कि साक्षात्कार में उन्हें महज 20 अंक मिले, यदि एक अंक और मिल जाता तो उनका चयन निश्चित था। अनूप ने यह भी बताया कि साक्षात्कार देकर जब वह बाहर आए तो तत्कालीन आयोग अध्यक्ष अभ्यर्थियों का फीडबैक लेने के नाम पर बातचीत कर रहे थे। अनूप ने उनकी बात का विरोध कर दिया, जिससे नाराज होकर नाम पूछा। सीबीआइ एसपी को सौंपी शिकायत में अनूप ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर उनका चयन नहीं होने दिया गया। 1एक अंक से बाहर हुईं अंकिता : बागपत से शिकायत करने पहुंची अंकिता पांडेय को एक अंक से चयन से बाहर होने का मलाल है। समीक्षा अधिकारी 2014 परीक्षा देने वाली अंकिता का आरोप है कि उन्हें सामान्य अध्ययन के प्रश्नों में 20 अंक कम मिला है। आयोग ने आरटीआइ के जरिए ओएमआर शीट दिखाने से इन्कार दिया है। वह सारे साक्ष्य लेकर कैंप कार्यालय पहुंची थी लेकिन, सीबीआइ के एसपी न होने पर दिल्ली जाकर शिकायत करने का निर्णय लिया है। महिला अभ्यर्थी का यह भी कहना है कि अन्य परीक्षाओं को लेकर उनके पास पुख्ता साक्ष्य है, लेकिन वह एसपी को ही सुपुर्द करेंगी। 1कटऑफ से 90 अंक अधिक पर चयन से बाहर : कृषि सहायक वर्ग की परीक्षा में शामिल होने वाले दिव्यांग मनोज प्रजापति बस्ती से शिकायत करने पहुंचे। मनोज को दिव्यांग वर्ग में कटऑफ से 90 अंक ज्यादा मिले। उन्होंने आरटीआइ से शीट भी प्राप्त की है। इसके बाद भी उनका चयन नहीं हुआ। मनोज ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी लेकिन, शुरू होते ही उसे वापस ले लिया है। ऐसे ही स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ भर्ती की शिकायत करने कई महिला अभ्यर्थी पहुंची थी। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों पर गंभीर आरोप लगाए और बोर्ड के रवैये पर सवाल खड़ा किए।


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