उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में यह भर्ती विज्ञापित की गई थी। इसमें बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और इसके समकक्ष योग्यता वालों को मेरिट के आधार पर चयनित किया जाना था। इसकी पहले चरण की काउंसिलिंग भी कराई जा चुकी थी लेकिन, भाजपा ने सत्ता में आने के बाद यह भर्ती रोक दी थी और बीटीसी प्रशिक्षण-2013 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए ग्रेड के सापेक्ष मेरिट गुणांक का पुन: निर्धारण कर दिया था। सरकार के इस फैसले को अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
कोर्ट ने निर्देश दिया था कि चयन प्रक्रिया 15 दिसंबर, 2016 को जारी शासनादेश के आधार पर ही पूरी की जाए। इसके बाद से नियुक्तियां शुरू करने के लिए अभ्यर्थी लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी ज्ञापन दिया था। सदन में भी यह मुद्दा गरम रहा था।

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