लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने स्कूली बच्चों को बांटे गए
जूतों के चार महीने में फट जाने के मामले में सरकार की ओर से जवाब न दाखिल
करने पर कड़ा एतराज जताया है। कोर्ट ने सरकार को फिर समय देते हुए कहा है
कि 20 अप्रैल तक जवाब दाखिल कर बताया जाए कि जूते खरीदने के लिए क्या टेंडर
प्रकिया अपनायी गई थी।
कोर्ट ने खराब स्कूली बैग दिये जाने पर भी सरकार से
जवाब तलब किया है।128 मार्च को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति
अब्दुल मोईन की बेंच ने स्वत: संज्ञान लिया था। न्यायालय ने मीडिया में आई
खबर का संज्ञान लेते हुए जूतों की खरीददारी का पूरा रिकॉर्ड राज्य सरकार से
तलब किया था। सचिव स्तर के अधिकारी को भी अग्रिम सुनवाई पर मौजूद रहने को
कहा। आदेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा सचिव कोर्ट में मौजूद थीं, लेकिन
सरकारी वकीलों ने मौखिक कहा कि जूतों की क्वालिटी चेक करायी जा रही है। इस
पर कोर्ट ने कहा कि जवाब क्यों नहीं दाखिल किया गया। न्यायालय ने मामले का
संज्ञान लेते हुए कहा था कि सरकार के एक नेक काम को अधिकारियों ने अपनी
असंवेदनशीलता से बर्बाद कर दिया।
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