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अनुपस्थित शिक्षकों पर हुई बड़ी कार्रवाई, कट गया एक महीने का वेतन

बलरामपुर. योगी सरकार प्राइमरी स्कूलों में अच्छी शिक्षा देने के लिए चाहे जितनी भी कोशिश कर ले लेकिन स्कूलों की दशा जस की तस रहेगी। उसमें पढ़ाने वाले शिक्षक हो चाहे शिक्षामित्र सभी अपने मन के मुताबिक कभी आते हैं तो कभी अनुपस्थित रहते हैं।
ऐसा ही एक मामला बलरामपुर जिले में आया है। यहाँ स्कूल तो खुले हैं लेकिन स्कूलों से शिक्षक नदारद हैं। यह मामला तब सामने आया जब जिले के डीएम स्कूलों का निरिक्षण करने पहुंचे।
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश निरिक्षण पर निकले तो उन्होंने पाया की स्कूल तो खुले हैं लेकिन उनसे टीचर्स नदारद हैं। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अनुपस्थित टीचर्स का वेतन काट दिया जाए। उनके कहने पर 60 अधिकारियों ने जिले के 421 परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण किया। जिसमें अनुपस्थित पाए गए 91 शिक्षकों व शिक्षामित्रों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है। निरीक्षण के दौरान बंद मिले आठ स्कूलों के शिक्षक व शिक्षामित्रों का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया गया।


डीएम कृष्णा करुणेश के अनुसार जिले के 60 अधिकारियों के माध्यम से सभी नौ ब्लॉकों के 421 स्कूलों की जांच कराई गई। निरीक्षण में 91 शिक्षक व शिक्षामित्र अनुपस्थित पाए गए। पचपेड़वा के प्रावि बड़गौ, तुलसीपुर में प्रावि विजयीडीह, परसपुर करौंदा, उतरौला के प्रावि बिजौरामाफी, बभनीबुजुर्ग, श्रीदत्तगंज में प्रावि मझारी वाछिल व गैंड़ासबुजुर्ग ब्लॉक में प्रावि भरवालिया बंद मिला। यहां तैनात शिक्षक, शिक्षामित्रों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण तलब किया गया। निरीक्षण के दौरान 177 स्कूलों के शौचालय निष्प्रयोज्य पाए गए। 80 स्कूलों के हैंडपंप खराब मिले। 39 स्कूल ऐसे मिले जहां मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा है जबकि 81 स्कूलों में फल व दूध का वितरण नहीं किया जा रहा है। 104 स्कूलों में सफाई व्यवस्था खराब पाई गई। स्कूलों में छात्रों की औसत उपस्थिति 20-25 प्रतिशत मिलने पर डीएम ने असंतोष जताया। डीएम ने बीएसए रमेश यादव को कमियों को दूर करने व कार्रवाई कर सात दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

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