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2) न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह जी ने कोर्ट 7 में सुनवाई करते हुए 20.08.2018 को याचिका यह कहकर निस्तारित कर दी कि परीक्षा के अंको में भारांक देने का प्रावधान नहीं है।
The proviso does not provide that the result of the examination would be declared after adding the weightage marks.
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3) इससे क्षुब्ध होकर इन्होंने इस आदेश के विरुद्ध खण्ड पीठ/डिवीजन बेंच में अपील की SPLA 812/2018.
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4) जिसमें आज 30.08.2018 को कोर्ट 21 में गोविन्द माथुर और अशोक कुमार जी की बेंच ने अपीलार्थियों को राहत प्रदान की है।
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5) कोर्ट ने काउंटर कॉल किया है लेकिन भर्ती प्रक्रिया पर रोक न लगाते हुए कोर्ट ने दोनों याचियों को काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश किया है।
the appellants be permitted to participate in the counselling that is to be conducted
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6) कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि इनकी याचिका सिंगल जज ने सुनवाई के दूसरे दिन ही ख़ारिज कर दी थी और रिटेन काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं हो पाया था।
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7) कोर्ट ने यह भी कहा है कि काउंसलिंग में शामिल प्रोविजनली किया जा रहा है और इन दोनों को इससे नियुक्ति का अधिकार नहीं मिल जायेगा।
The participation of the appellants in the counselling shall not create any substantive right in their favour.
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8) एक चीज तो स्पष्ट दिखाई दे रही है कि ये शिक्षामित्र 40/45 को क्रॉस नहीं कर पाये हैं तभी अंको में भारांक जुड़वाना चाह रहे हैं।
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9) ऐसे में इनसे जिला चॉइस वाला फॉर्म भी नहीं भरवाया गया होगा। दूसरा ये कि इसी आज के आर्डर को आधार बनाकर 40/45 से नीचे मार्क्स पाने वाले शिक्षामित्रो की ओर से फ्राइडे तक याचिकाओं की बाढ़ भी आ सकती है।
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10) इसका तोड़ यही है कि इस आर्डर का अनुपालन न किया जाए और 05.09.2018 तक सभी को नियुक्ति पत्र दे दिया जाए। कोर्ट कंटेम्प्ट लगेगा लेकिन तब तक नियुक्ति हो चुकी होगी। दूसरा रास्ता सुप्रीम कोर्ट का है जिससे लाभ नहीं होगा इसलिए आज ही अधिकारियों से मिला जाए और कंटेम्प्ट का रिस्क लेते हुए भर्ती प्रक्रिया में इन्हें शामिल होने से रोका जाए नहीं तो ये दोनों शिक्षामित्र बहुतों के लिए सिरदर्द बनेंगे।
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11) शिक्षामित्रो को परीक्षा में भारांक नहीं मिल सकता है इसके लिए यह वीडियो देख सकते हैं। DB ने जल्दी में इनको काउंसलिंग में सम्मिलित कर दिया है। क्योंकि काउंसलिंग का मतलब चयन की गारन्टी नहीं होता।
https://youtu.be/-EOZ67Nm1WA
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12) पर न्यायमूर्तियों को कौन समझाये की इस बार की काउंसलिंग अलग है। ख़ारिज यह अपील भी एन्ड में होनी ही है लेकिन फ़िलहाल कोर्ट ने इन 40/45 से कम अंको वालो को भर्ती में शामिल करने का आदेश कर दिया है। सरकार इन्हें कैसे शामिल करेगी यह उन्हें भी नहीं पता होगा।
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13) भारांक सब का एन्ड में जुड़ना है इन्होंने उसका विरोध करके परीक्षा में जुड़वाना चाहा है। बेहतर यही होगा की इस आदेश का अनुपालन न करके 3 महीने बाद इसकी अपील सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाए। सभी 41556 लोग एकजुट होकर कल इलाहाबाद लखनऊ के लिए निकलें और अधिकारियों को समझाये कि इसके विरुद्ध SC में अपील करें वो भी 3 महीने बाद। :)
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