इलाहाबाद : शिक्षा विभाग में दिव्यांग कोटे के तहत कोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति न देकर मुकदमेबाजी में उलझाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारियों की तीखी आलोचना की है।
कोर्ट ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा सहित अन्य अधिकारियों से स्पष्टीकरण के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है तथा पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ बड़ा हर्जाना लगाया जाए और यह राशि उनके वेतन से वसूली जाए? याचिका की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने राकेश कुमार राय की याचिका पर दिया है। याची 27 सितंबर 2014 की भर्ती विज्ञापन के तहत प्रशिक्षित स्नातक (एलटी ग्रेड) सहायक अध्यापक (हंिदूी) पर काउंसिलिंग के बाद चयनित हुआ। बस्ती मंडल में उसका तीसरा स्थान था। पहले स्थान पर रहे अभ्यर्थी ने ज्वाइन नहीं किया तो दूसरे स्थान वाला लौटा नहीं। इस पर याची नियुक्ति पाने का हकदार था, जबकि उसे नियुक्ति नहीं दी गई। इसके बाद राकेश कुमार राय ने याचिका दाखिल की। कोर्ट ने दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसका पालन न होने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई।
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