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अब यूपी पीएससी की बड़ी परीक्षाएं भी टलने के आसार, दूसरी प्रेस को गोपनीयता के लिहाज से परखने में लगेगा वक्त

पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 के प्रश्नपत्र वितरण में चूक के चलते प्रिंटिंग प्रेस पर कार्रवाई से खुद उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपी पीएससी भी संकट में है। यूपी पीएससी के सामने आगामी सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं के प्रश्नपत्र छपवाने की बड़ी चुनौती है।
विकल्प के तौर पर दूसरी प्रेस से करार होने और गोपनीयता के लिहाज से उसे परखने में समय लगेगा।1 पीसीएस/वन विभाग प्रारंभिक परीक्षा 2018, को सवा दो महीने टालने के पीछे भी यही प्रमुख वजह मानी जा रही है क्योंकि आवेदन अधिक आने का यूपी पीएससी का दावा किसी के गले नहीं उतर रहा है। यूपी पीएससी ने 19 अगस्त को प्रस्तावित पीसीएस/वन विभाग प्रारंभिक परीक्षा 2018 को स्थगित कर 28 अक्टूबर को कराने का निर्णय लिया है, जबकि इसके ठीक एक दिन पहले तीन अगस्त को प्रिंटिंग प्रेस को दो साल के लिए डिबार करने और उसे पीसीएस परीक्षा 2017 के प्रश्नपत्र छपाई का भुगतान रोकने का निर्णय लिया था। यह कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि 19 जून को पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 में जीआइसी इलाहाबाद में सुबह की पाली में सामान्य हंिदूी की बजाए निबंध का प्रश्नपत्र बांटा गया था, यूपी पीएससी ने इसकी जांच में परीक्षा केंद्र में प्रिंटिंग प्रेस की भी बड़ी चूक मानी। इस कदम ने आगामी परीक्षाओं पीसीएस जे 2018 (तारीख अभी तय नहीं), पीसीएस/वन विभाग 2018, राजकीय इंटर कालेज और राजकीय डिग्री कालेज में प्रवक्ता (स्क्रीनिंग) परीक्षा 2017 आदि सही समय पर होने पर संशय बना है। 1जानकार कहते हैं कि पीसीएस/वन विभाग 2018 की प्रारंभिक परीक्षा को टालने में अधिक आवेदन व परीक्षा केंद्र कम होने की यूपी पीएससी की सफाई असल वजह नहीं है क्योंकि यूपीएससी की तर्ज पर दो बड़ी परीक्षाएं संयुक्त रूप से कराए जाने का निर्धारण करते हुए आवेदन लिए गए। ऐसे में दोनों परीक्षाओं के अभ्यर्थियों की ओर से आवेदन होने पर संख्या अधिक होना पहले से तय था। विकल्प के तौर पर दूसरी प्रिंटिंग प्रेस से करार न होना ही प्रमुख वजह कही जा रही है।

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