इलाहाबाद : परीक्षाओं के संबंध में मांगी जा रही सूचनाओं व अभिलेख, सीबीआइ को देने में यूपी पीएससी (उप्र लोकसेवा आयोग) के अधिकारी रुकावट बन रहे हैं। इस पर सीबीआइ अफसरों ने यूपी पीएससी पहुंचकर परीक्षा भवन के रिकार्ड रूम से दस्तावेज जब्त किए।
जांच अधिकारियों ने नाराजगी जता अभिलेख देने में आनाकानी करने वाले सेक्शन प्रभारी से पूछताछ भी की। दो डिप्टी एसपी समेत चार अधिकारियों ने सोमवार को यूपी पीएससी में घंटों छानबीन की।1पीसीएस परीक्षा 2015 में गलत चयन की सबसे अधिक शिकायतें होने की जांच में अब तक सीबीआइ को व्यापक पैमाने पर खामियां मिली हैं। संदिग्ध चयनितों से पूछताछ और अन्य जांच कार्य में सीबीआइ ने कई ऐसे प्रमाण जुटा लिए हैं जिससे यूपी पीएससी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है। पांच मई को सीबीआइ ने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी भी दिल्ली मुख्यालय में दर्ज कर इसके संकेत दिए हैं। पीसीएस परीक्षा 2015 के मामले में तमाम साक्ष्य मिलने के बाद सीबीआइ ने अब पीसीएस परीक्षा 2011, समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2014, लोअर सबॉर्डिनेट परीक्षा 2013 और पीसीएस जे परीक्षा 2013 की जांच एक साथ शुरू की है। इन सभी परीक्षाओं के तहत अभ्यर्थियों के चयन में मनमानी और नियम विरुद्ध प्रक्रिया अपनाए जाने का संदेह पक्का होने पर सीबीआइ ने पिछले दिनों यूपी पीएससी से संबंधित अभिलेख मांगे थे। सीबीआइ के सूत्रों की मानें तो इन सभी भर्तियों में गलत तरीके से चयन हुए हैं। इस पर सोमवार को सीबीआइ की एक टीम यूपी पीएससी पहुंच गई। परीक्षा भवन से दस्तावेज जब्त कर लिए। सेक्शन प्रभारियों के रवैए पर टीम ने एतराज भी जताया। 1यूपी पीएससी के सचिव जगदीश ने बताया है कि सीबीआइ टीम को जरूरी दस्तावेज दिए गए। जो भी सूचनाएं मांगी जा रही हैं उसे भी समय सीमा में उपलब्ध कराया जा रहा है। सोमवार को जांच अधिकारियों ने सचिव से उनके कार्यालय में बात की। अधिकारियों से पूछताछ के समय गवाह के रूप में केंद्र सरकार के विभाग से एक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
0 Comments