फतेहपुर: परिषदीय स्कूलों की गिरती साख सुधारने के लिए डीएम
आंजनेय कुमार ने बुधवार को एक कड़ा फैसला लेते हुए इसे लागू करने का
निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक को दिया। तर्क दिया
कि अधिकांश स्कूलों में देखा गया है कि शिक्षक स्कूल समय में वाट्सएप व
फेसबुक में व्यस्त रहते हैं, जबकि स्कूल नियम समय पठन-पाठन का होता है।
सोशल मीडिया में व्यस्त रहने के कारण शिक्षक अपना शत प्रतिशत योगदान स्कूल
के प्रति नहीं दे पा रहे अब निरीक्षणों में इसकी निगरानी की जाए, उक्त
कार्य में लिप्त शिक्षकों को सीधे निलंबित किया जाए। डीएम ने बताया कि
स्कूलों में शिक्षकों के पहनावा, आचरण के साथ उनके काम पर नजर रखी जाएगी।
सर्विस नियमावली के आधार पर शिक्षक को कार्य करने होंगे ताकि वह स्कूल में
पढ़ने वाले बच्चों के लिए आदर्श स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि उन्होंने
खुद निरीक्षणों में नोटिस किया है कि शिक्षक स्कूल समय में पान खाते हैं
और पहनावा भी अलग ढंग का होता है। जब शिक्षक ही आदर्श आचरण नहीं करेंगे तो
उन बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा जो वहां पढ़ रहे हैं। डीएम के आदेश मात्र
से शिक्षकों में आदेश को लेकर हड़कंप मच गया है। स्कूल समय में सोशल मीडिया
में व्यस्त रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
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