Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

यूपी: STF की रेडार पर 5 हजार से ज्यादा फर्जी शिक्षक

लखनऊ बेसिक शिक्षा विभाग में पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों की नौकरियां खतरे में हैं। आशंका जताई जा रही है कि यूपी में बड़े पैमाने पर शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्षों से नौकरी कर रहे हैं।
एसटीएफ के पास लगातार फर्जी दस्तावेजों और दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की सूचनाएं आ रही हैं। इसके साथ ही जिला स्तर पर बनी समितियां भी फर्जी शिक्षकों को चिह्नित करने का काम कर रही हैं।


मथुरा, सीतापुर और अम्बेडकरनगर में एसटीएफ की कार्रवाई के बाद फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। पकड़े जाने के डर से फर्जी शिक्षक इस्तीफा दे रहे हैं या फिर अपने पैन नंबर बदलवा रहे हैं। एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग से ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी है जिन्होंने बीते दिनों में प्रार्थना पत्र देकर अपने पैन नंबर बदलवाए हैं और प्रमाण पत्रों की द्वितीय प्रति दी है।

सीतापुर और अम्बेडकरनगर में दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहे सगे भाइयों शत्रुघन और रामानन्द का फर्जीवाड़ा उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पैन नंबर के चलते ही सामने आया है। दरअसल, इन दोनों ने नौकरी के लिए जिनके दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था उनका ही पैन नंबर इनके सैलरी अकाउंट में भी इस्तेमाल हो रहा था। जब असली दस्तावेज वाले अपना रिटर्न भरने गए तो उन्हें पता चला कि उनकी आय दोगुनी दर्ज है। जब पता किया तो खुलासा हुआ कि सीतापुर और अम्बेडकरनगर में उनके नाम से ही दो लोग नौकरी कर रहे हैं। इसके बाद यह मामला एसटीएफ के पास पहुंचा और फिर दोनों फर्जी शिक्षक पकड़े गए।

एक माह में भी सूची तैयार नहीं कर पाईं जिले की कमिटी
विधानसभा समिति के निर्देश पर फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए हर जिले में एडीएम, एएसपी और शिक्षा विभाग के मंडलीय स्तर के अधिकारी की जांच समितियां बनाई गई हैं। इन्हें एक माह के अंदर फर्जी शिक्षकों को चिह्नित कर अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन ये अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाई हैं।

हर जिले में 50 से ज्यादा फर्जी शिक्षक
शिक्षकों के फर्जीवाड़े की पड़ताल कर रही एसटीएफ को अनुमान है कि हर जिले में औसतन 50 से ज्यादा फर्जी शिक्षक हैं। अकेले मथुरा में ही 150 संदिग्ध शिक्षकों की सूची एसटीएफ के हाथ लगी थी। कौशांबी में भी 23 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था। उधर, सीबीआई ने भी कासगंज व गाजियाबाद में चल रहे दो फर्जी बोर्ड के मामले में एफआईआर दर्ज की हैं। उसमें भी आशंका जताई गई है कि फर्जी बोर्ड के प्रमाण पत्र लगाकर बड़े पैमाने पर यूपी व एमपी में शिक्षक की नौकरी पाई गई हैं।

फर्जी विकलांग प्रमाणपत्र की भी जांच
सूत्रों के मुताबिक शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाई गई है। खासतौर से बहरेपन का प्रमाण पत्र लगाकर। एसटीएफ की टीम गुपचुप तरीके से इसकी भी पड़ताल कर रही है। ये आंकड़ा जुटाया जा रहा है कि ऐसे कितने लोग हैं जिन्होंने बहरेपन का विकलांगता प्रमाण पत्र लगाया है।

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts