शिक्षक भर्ती में स्नातक में 50 फीसदी से कम अंक वालों को राहत, एनसीटीई की जारी अधिसूचना के बाद की डिग्रियों पर ही लागू होगी 50 फीसद की अनिवार्यता: महत्वपूर्ण फैसला देकर हाईकोर्ट ने निस्तारित की कई याचिकाएं

इलाहाबाद : प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने के लिए स्नातक में 50 फीसद अंक की अनिवार्यता केवल 28 जून 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना जारी होने के बाद की डिग्रियों पर ही लागू होगी।
एनसीटीई की ओर से स्थिति स्पष्ट होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश निधि चौधरी, जगन्नाथ शुक्ला, अमित कुमार मिश्र सहित अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है।1यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने स्नातक में 50 फीसद अंक अनिवार्य करने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया है। एनसीटीई के अधिवक्ता धनंजय अवस्थी ने कोर्ट को बताया कि राजस्थान और उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व में ही यह फैसला दिया है कि अधिसूचना जारी होने के पहले स्नातक करने वालों पर 50 फीसद अंक की अनिवार्यता का नियम लागू नहीं होगा।1गलती विभाग की हो तो अधिक भुगतान की वसूली गलत : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि विभाग की स्वयं की गलती से कर्मचारी को अधिक भुगतान कर दिया गया है तो विभाग कर्मचारी से अधिक भुगतान की वापसी नहीं कर सकता। कोर्ट ने सतर्कता अधिष्ठान इलाहाबाद के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर को हुए अधिक भुगतान की वसूली के संबंध में तीन माह में नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि वसूली, याचिका में पारित होने वाले आदेश पर निर्भर करेगी।1यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने शारंगधर द्विवेदी की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एचएल पांडेय ने बहस की। याची का कहना है कि उसे 95,446 रुपये अधिक भुगतान की वापसी की नोटिस दी गई है। उसे अधिक भुगतान विभाग की गलत गणना के चलते किया गया है इसमें याची की कोई भूमिका नहीं रही है। याची अधिवक्ता ने इस संबंध में शीर्ष कोर्ट के फैसले का हवाला दिया जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से निर्णय लेने का आदेश दिया है।