दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) द्वारा प्राइमरी शिक्षकों
की भर्ती परीक्षा में जातिसूचक सवाल पूछे जाने से खड़ा हो गया है। यह सवाल
अनुसूचित जाति से संबंधित है।
डीएसएसएसबी ने शनिवार को प्राइमरी शिक्षक पद के लिए परीक्षा आयोजित कराई
थी। इसके लिए दिल्ली में कई जगह केंद्र बनाए गए थे। प्रश्न पत्र में 200
प्रश्न पूछे गए। इसमें हिंदी भाषा और बोध के तहत प्रश्न संख्या 75 में पूछा
गया सवाल अनुसूचित जाति से संबंधित था। इस प्रश्न में चार संभावित उत्तर
दिए गए थे, जिसमें एक सही था। इस प्रश्न को लेकर लोगों ने आपत्ति की है।
दिल्ली के समाज कल्याण तथा अनुसूचित जाति व जनजाति मंत्री राजेंद्र पाल
गौतम ने इस पर खेद जताया है। साथ ही डीएसएसएसबी से पूछा है कि क्या यह सच
है कि प्रश्न पत्र में जाति विशेष कोलेकर प्रश्न पूछे गए हैं? यदि ऐसा है
तो इसका क्या तात्पर्य है? उन्होंने कहा कि जाति आधारित छिछले सवाल पूछकर
डीएसएसएसबी ने अपनी, भारतीय संविधान, हिंदी और इस देश की संस्कृति की गरिमा
को चोट पहुंचाई है। वह इसे लेकर सोमवार को मुख्य सचिव से मिलेंगे और इसकी
अंतरिम जांच कर दोषी लोगों पर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि डीएसएसएसबी उपराज्यपाल के अंतर्गत आता है, उन्हें इस मामले
में कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, डीएसएसएसबी की अध्यक्ष गीतांजलि गुप्ता ने
कहा है कि ऐसा गलती से हो गया। परीक्षा के मूल्यांकन प्रक्रिया में इस
प्रश्न का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। कोशिश रहेगी कि भविष्य में ऐसी गलती
फिर न हो।’
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