बुलंदशहर : बेशक साल 2018 शिक्षा के क्षेत्र में कुछ खास न रहा हो,
लेकिन साल 2019 से जिले की जनता को बहुत उम्मीदें हैं। माध्यमिक शिक्षा को
नया आयाम देने के लिए संचालित किए गए मॉडल राजकीय विद्यालयों में जहां
शिक्षकों की भर्ती की उम्मीद है वहीं शहर के राजकीय इंटर कालेज को चार करोड़
की लागत से हाईटेक किया जाएगा।
सपा सरकार ने जिले में 11 मॉडल राजकीय इंटर कालेजों का निर्माण शुरू कराया था। उस समय इन विद्यालयों को राम मनोहर लोहिया मॉडल विद्यालय नाम दिया था, लेकिन भाजपा सरकार आई तो इनका नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल कालेज कर दिया। वर्तमान शैक्षिक सत्र में शासन के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दस विद्यालय तैयार कराकर शैक्षिक कार्य शुरू करा दिया, जबकि सिकंदराबाद के मंडावरा गांव स्थित कालेज का अभी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। संचालित दस विद्यालयों में 50 से लेकर 200 तक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए विभाग ने एक-एक शिक्षक राजकीय विद्यालयों से यहां सम्बद्ध कर दिए, जबकि एक-एक शिक्षक पूर्व शिक्षकों की भर्ती से तैनात किया है। कुल मिलाकर इन दस मॉडल कालेजों में शिक्षकों की भारी कमी है।
नये साल में इन विद्यालयों को कम से 300 शिक्षकों को तैनात करने की योजना है। इनमें प्रत्येक विषय के प्रवक्ता तो सहायक अध्यापक शामिल रहेंगे। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी व कार्यालय में बाबुओं की भर्ती कराई जाएगी। शिक्षकों का टोटा होने के कारण उक्त कालेजों में अभी अधिकतर विद्यार्थी प्रवेश लेने से कतरा रहे हैं, लेकिन नया साल उनकी इस समस्या का समाधान लेकर आएगा। इसके अलावा शहर स्थित राजकीय इंटर कालेज को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के द्वारा चार करोड़ रुपये की लागत से हाईटेक करने की योजना है। इस कालेज में आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
जिले में राजकीय कालेजों की स्थिति
- 48 राजकीय इंटर कालेज हैं जिले में (दस मॉडल कालेज भी शामिल हैं)
- 5700 विद्यार्थी हैं पंजीकृत सभी राजकीय इंटर कालेजों में
- 112 प्रवक्ता मानक के अनुसार होने चाहिए तैनात 48 विद्यालयों में
- 45 प्रवक्ता वर्तमान में हैं तैनात
- 67 प्रवक्ताओं के पद हैं रिक्त
- 388 सहायक शिक्षक मानक के अनुसार होने चाहिए 48 विद्यालयों में
- 85 सहायक शिक्षक वर्तमान में हैं तैनात
- 303 सहायक अध्यापकों के पद हैं रिक्त
इन्होंने कहा..
मॉडल समेत अन्य राजकीय विद्यालयों में नये शिक्षकों की भर्ती नये साल 2019 में होने की उम्मीद है। इन शिक्षकों के आने से राजकीय विद्यालयों में शैक्षिक कार्य बेहतर हो जाएगा। मॉडल कालेजों में विद्यार्थियों की संख्या में भी इजाफा होगा।
- आरके तिवारी, डीआइओएस, बुलंदशहर
सपा सरकार ने जिले में 11 मॉडल राजकीय इंटर कालेजों का निर्माण शुरू कराया था। उस समय इन विद्यालयों को राम मनोहर लोहिया मॉडल विद्यालय नाम दिया था, लेकिन भाजपा सरकार आई तो इनका नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल कालेज कर दिया। वर्तमान शैक्षिक सत्र में शासन के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दस विद्यालय तैयार कराकर शैक्षिक कार्य शुरू करा दिया, जबकि सिकंदराबाद के मंडावरा गांव स्थित कालेज का अभी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। संचालित दस विद्यालयों में 50 से लेकर 200 तक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए विभाग ने एक-एक शिक्षक राजकीय विद्यालयों से यहां सम्बद्ध कर दिए, जबकि एक-एक शिक्षक पूर्व शिक्षकों की भर्ती से तैनात किया है। कुल मिलाकर इन दस मॉडल कालेजों में शिक्षकों की भारी कमी है।
नये साल में इन विद्यालयों को कम से 300 शिक्षकों को तैनात करने की योजना है। इनमें प्रत्येक विषय के प्रवक्ता तो सहायक अध्यापक शामिल रहेंगे। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी व कार्यालय में बाबुओं की भर्ती कराई जाएगी। शिक्षकों का टोटा होने के कारण उक्त कालेजों में अभी अधिकतर विद्यार्थी प्रवेश लेने से कतरा रहे हैं, लेकिन नया साल उनकी इस समस्या का समाधान लेकर आएगा। इसके अलावा शहर स्थित राजकीय इंटर कालेज को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के द्वारा चार करोड़ रुपये की लागत से हाईटेक करने की योजना है। इस कालेज में आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
जिले में राजकीय कालेजों की स्थिति
- 48 राजकीय इंटर कालेज हैं जिले में (दस मॉडल कालेज भी शामिल हैं)
- 5700 विद्यार्थी हैं पंजीकृत सभी राजकीय इंटर कालेजों में
- 112 प्रवक्ता मानक के अनुसार होने चाहिए तैनात 48 विद्यालयों में
- 45 प्रवक्ता वर्तमान में हैं तैनात
- 67 प्रवक्ताओं के पद हैं रिक्त
- 388 सहायक शिक्षक मानक के अनुसार होने चाहिए 48 विद्यालयों में
- 85 सहायक शिक्षक वर्तमान में हैं तैनात
- 303 सहायक अध्यापकों के पद हैं रिक्त
इन्होंने कहा..
मॉडल समेत अन्य राजकीय विद्यालयों में नये शिक्षकों की भर्ती नये साल 2019 में होने की उम्मीद है। इन शिक्षकों के आने से राजकीय विद्यालयों में शैक्षिक कार्य बेहतर हो जाएगा। मॉडल कालेजों में विद्यार्थियों की संख्या में भी इजाफा होगा।
- आरके तिवारी, डीआइओएस, बुलंदशहर