आचार संहिता के चलते 68500 शिक्षकों की नियुक्तियां लटकने के आसार

प्रयागराज । 68500 शिक्षक भर्ती के दूसरे रिजल्ट में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति लटकने के आसार हैं। शासन ने तेजी नहीं दिखाई तो लोकसभा चुनाव के बाद ही साढ़े हजार से अधिक तैनाती हो सकेगी, क्योंकि मार्च माह के पहले सप्ताह में ही चुनाव की आचार संहिता लागू होने के आसार हैं।
बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार रिजल्ट के तीन दिन बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कराने का एलान जरूर कर चुके हैं।

नियुक्ति की रफ्तार बहुत धीमी
असल में, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती नियुक्ति की रफ्तार बहुत धीमी है। पांच माह किसी तरह रिजल्ट आया। रविवार को सफल अभ्यर्थियों की संख्या बताई गई, सोमवार को वेबसाइट पर अंक अपलोड हुए हैं। अभी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से चयनित अभ्यर्थियों की सूची बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय भेजी नहीं गई है। संकेत हैं कि 4688 की सूची बुधवार शाम या फिर गुरुवार को जाएगी। इसके बाद परिषद शासन से प्रक्रिया शुरू करने का मार्गदर्शन लेगा। ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन लेकर चयनितों का जिला आवंटन होगा। इसके बाद काउंसिलिंग तब नियुक्ति पत्र निर्गत करके विद्यालय दिया जाएगा। इसमें कम से कम एक पखवारे का समय लगना तय है। इसी दौरान चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
आयोग से अनुमति लेना जरूरी
अफसरों का यह भी मत है कि प्रक्रिया शुरू होने के बाद आचार संहिता से वह नहीं रुकेगी। वहीं कुछ अफसर कहते हैं कि नियुक्ति का प्रकरण है इसलिए चुनाव आयोग से अनुमति लेना जरूरी होगा और आयोग नियुक्तियों में अनुमति देता नहीं है। परिषद सचिव रूबी सिंह का कहना है कि उन्हें चयन सूची का इंतजार है। उसे तत्काल भेजेंगे मार्गदर्शन लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शासन इस भर्ती को लेकर खासा गंभीर है। इसलिए ज्यादा समय नहीं लगेगा। भर्ती का दूसरा परिणाम आने के दो दिन पहले अपर मुख्य सचिव डा. कुमार कह चुके हैं कि रिजल्ट के तीसरे दिन से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करा देंगे।

45 चयनित नियुक्ति को लेकर बेकरार
शिक्षक भर्ती में उच्च स्तरीय जांच समिति ने 51 अभ्यर्थियों को कॉपी पर उत्तीर्ण पाया था, उनमें से 45 की चयन सूची अक्टूबर माह में ही परिषद मुख्यालय को भेजी गई थी। ये अभ्यर्थी चार माह से दूसरे रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे, ताकि उन्हें भी नियुक्ति मिल सके। इन 45 में से 33 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने याची बनकर पुनर्मूल्यांकन भी करा लिया है लगभग सभी के अंक बढ़े हैं। अब यदि आचार संहिता में नियुक्ति फंसी तो शिक्षक बनने में करीब चार माह और लगेंगे।