अब देशभर में विश्वविद्यालय और कॉलेजों में खुलेंगे महिलाओं से जुड़े अध्ययन केंद्र, महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल
महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालय और कॉलेजों में महिलाओं के लिए एक अध्ययन सेंटर खोलने का फैसला लिया है। यहां महिलाओं को आगे बढ़ाने वाले नए-नए कोर्स शुरू होंगे, ताकि वह आगे चलकर आत्मनिर्भर बन सकें। ऐसे सेंटरों को स्थापित करने वाले विश्वविद्यालय और कॉलेजों को हर साल अतिरिक्त वित्तीय मदद भी दी जाएगी।
यूजीसी ने इसे लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की है, जिसके तहत महिला सेंटर चलाने वाले विश्वविद्यालय को हर साल 35 लाख रुपये और कॉलेज को 25 लाख रुपये की अतिरिक्त मदद दी जाएगी। यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, योजना के तहत फिलहाल देशभर में 10 हजार ऐसे महिला अध्ययन केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
साथ ही ऐसे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की पहचान भी की गई है जो इसे लेकर अच्छा काम कर सकते हैं। गाइडलाइन के तहत अध्ययन केंद्रों का मुख्य फोकस वंचित महिलाओं को आगे बढ़ाने का होगा। इनमें दिव्यांग, बेघर, अशिक्षित, बीमार और बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल होंगी। इसके अलावा वह इन सभी के उत्थान को लेकर एक खास कोर्स भी तैयार करेंगे। ऐसी महिलाओं को रोजगार से जुड़ी गतिविधियों से जोड़ने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इनमें इन्हें लोन दिलाने में भी मदद दी जाएगी। संस्थानों में महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर शोध भी होंगे। ऐसी योजनाओं की रूपरेखा भी खींची जाएगी, जिससे समाज में विकास की मुख्य धारा से पीछे इन महिलाओं को आगे बढ़ाया जा सके। इस पूरी मुहिम का लक्ष्य जेंडर गैप को कम करना है। गाइडलाइन में प्रत्येक सेंटर में शोध के लिए एक खास बजट तय होगा।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालय और कॉलेजों में महिलाओं के लिए एक अध्ययन सेंटर खोलने का फैसला लिया है। यहां महिलाओं को आगे बढ़ाने वाले नए-नए कोर्स शुरू होंगे, ताकि वह आगे चलकर आत्मनिर्भर बन सकें। ऐसे सेंटरों को स्थापित करने वाले विश्वविद्यालय और कॉलेजों को हर साल अतिरिक्त वित्तीय मदद भी दी जाएगी।
यूजीसी ने इसे लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की है, जिसके तहत महिला सेंटर चलाने वाले विश्वविद्यालय को हर साल 35 लाख रुपये और कॉलेज को 25 लाख रुपये की अतिरिक्त मदद दी जाएगी। यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, योजना के तहत फिलहाल देशभर में 10 हजार ऐसे महिला अध्ययन केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
साथ ही ऐसे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की पहचान भी की गई है जो इसे लेकर अच्छा काम कर सकते हैं। गाइडलाइन के तहत अध्ययन केंद्रों का मुख्य फोकस वंचित महिलाओं को आगे बढ़ाने का होगा। इनमें दिव्यांग, बेघर, अशिक्षित, बीमार और बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल होंगी। इसके अलावा वह इन सभी के उत्थान को लेकर एक खास कोर्स भी तैयार करेंगे। ऐसी महिलाओं को रोजगार से जुड़ी गतिविधियों से जोड़ने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इनमें इन्हें लोन दिलाने में भी मदद दी जाएगी। संस्थानों में महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर शोध भी होंगे। ऐसी योजनाओं की रूपरेखा भी खींची जाएगी, जिससे समाज में विकास की मुख्य धारा से पीछे इन महिलाओं को आगे बढ़ाया जा सके। इस पूरी मुहिम का लक्ष्य जेंडर गैप को कम करना है। गाइडलाइन में प्रत्येक सेंटर में शोध के लिए एक खास बजट तय होगा।