प्रयागराज : नया शैक्षिक सत्र शुरू होने में अब चंद दिन बचे हैं। अभी तक शासन की प्राथमिकता वाले अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शिक्षकों का चयन नहीं हो सका है। यह जरूर है कि अधिकांश जिलों ने स्कूलों का चयन कर लिया है। इन स्कूलों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों का मानक भी स्पष्ट नहीं है, बल्कि वहां छात्र संख्या के आधार पर ही तैनाती होनी है।
बेसिक शिक्षा परिषद में पांच हजार प्राथमिक स्कूलों में पिछली बार अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई गई। इस बार यह संख्या बढ़ा दी गई है। अब प्राथमिक में पांच हजार और स्कूल अंग्रेजी मीडियम से संचालित होंगे। वहीं, एक हजार उच्च प्राथमिक स्कूल पहली बार अंग्रेजी माध्यम के होंगे। इस संबंध में शासन का निर्देश मिलते ही सभी बीएसए ने स्कूलों का चयन कर लिया है। उसके बाद परिषद मुख्यालय को पत्र भेजकर तमाम बीएसए ने पूछा है कि इन स्कूलों में शिक्षक कितने होंगे यानी प्रधानाध्यापक के अलावा सहायक अध्यापक की संख्या क्या होगी। इस पर परिषद खुलकर नहीं कह पा रहा है, क्योंकि इसका कोई मानक ही नहीं है। यह जरूर है कि ऐसे स्कूलों में मौजूदा छात्र संख्या के आधार पर शिक्षक चयन करने के मौखिक आदेश जरूर दिए गए हैं। इसी वजह से जिलों से शिक्षक चयन की रिपोर्ट शासन व शिक्षा निदेशक बेसिक को नहीं भेजी जा सकी है। इस समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी इन स्कूलों के संचालन में बाधा बनी है, असल में अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती होने से उनका पता बदल जाएगा। चुनाव में शिक्षकों की बड़ी संख्या में ड्यूटी लगेगी और उनका पता बदलने से निर्वाचन कार्य प्रभावित होगा।उप सचिव अनिल कुमार ने सभी जिलों से इस संबंध में जल्द रिपोर्ट मांगी है, ताकि नए सत्र में स्कूलों का नए निर्देशों के अनुरूप संचालन कराया जा सके।
बेसिक शिक्षा परिषद में पांच हजार प्राथमिक स्कूलों में पिछली बार अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई गई। इस बार यह संख्या बढ़ा दी गई है। अब प्राथमिक में पांच हजार और स्कूल अंग्रेजी मीडियम से संचालित होंगे। वहीं, एक हजार उच्च प्राथमिक स्कूल पहली बार अंग्रेजी माध्यम के होंगे। इस संबंध में शासन का निर्देश मिलते ही सभी बीएसए ने स्कूलों का चयन कर लिया है। उसके बाद परिषद मुख्यालय को पत्र भेजकर तमाम बीएसए ने पूछा है कि इन स्कूलों में शिक्षक कितने होंगे यानी प्रधानाध्यापक के अलावा सहायक अध्यापक की संख्या क्या होगी। इस पर परिषद खुलकर नहीं कह पा रहा है, क्योंकि इसका कोई मानक ही नहीं है। यह जरूर है कि ऐसे स्कूलों में मौजूदा छात्र संख्या के आधार पर शिक्षक चयन करने के मौखिक आदेश जरूर दिए गए हैं। इसी वजह से जिलों से शिक्षक चयन की रिपोर्ट शासन व शिक्षा निदेशक बेसिक को नहीं भेजी जा सकी है। इस समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी इन स्कूलों के संचालन में बाधा बनी है, असल में अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती होने से उनका पता बदल जाएगा। चुनाव में शिक्षकों की बड़ी संख्या में ड्यूटी लगेगी और उनका पता बदलने से निर्वाचन कार्य प्रभावित होगा।उप सचिव अनिल कुमार ने सभी जिलों से इस संबंध में जल्द रिपोर्ट मांगी है, ताकि नए सत्र में स्कूलों का नए निर्देशों के अनुरूप संचालन कराया जा सके।