लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से दो दिनों में स्पष्ट करने को कहा है कि टीईटी 2017 के परीक्षा परिणामों के संबंध में एकल पीठ द्वारा 6 मार्च 2018 को पारित आदेश को क्या वह स्वीकार कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।
यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर व जस्टिस जसप्रीत सिंह की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए दिया। इस अपील में सरकार ने एकल पीठ के 6 मार्च 2018 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें राज्य सरकार को परीक्षा के 14 प्रश्नों को हटाने के बाद पुनमरूल्यांकन के आदेश दिये थे। टीईटी 2017 की परीक्षा को हजारों अभ्यर्थियों की ओर से कुल 316 याचिकाएं दाखिल करते हुए चुनौती दी गई थी। इनमें परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के गलत व आउट ऑफ सिलेबस होने तथा एनसीटीई के गाइडलाइंस के अनुरूप न होने का मुद्दा उठाया गया था। मामले पर सुनवाई के पश्चात एकल पीठ ने 6 मार्च 2018 को पारित आदेश में 14 प्रश्नों को हटाकर पुनमरूल्यांकन के आदेश दिये थे।
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