*अवैध बीएड 69000/ प्राथमिक ग्राउंड रिपोर्ट लखनऊ हाईकोर्ट:-*
सभी साथियों को अवगत हो कि आज *कोर्ट नम्बर:- 1* में कटऑफ मैटर के साथ अवैध बीएड केस की सुनवाई लिस्टेड थी, *एडवोकेट अमित भदौरिया साहब के सानिध्य में टीम ने सीनियर एडवोकेट उपेंद्र नाथ मिश्रा साहब, एडवोकेट डॉ0 एल पी मिश्रा साहब तथा एडवोकेट राजीव त्रिपाठी साहब* को अवैध बीएड पर बहस के लिए स्टैंड कराया। पूरे पैनल ने जोरदारी के साथ अपने अपने आर्गुमेंट ऑन रिकार्ड कराए, जिसके कुछ अंश आपके साथ साझा किये जा रहे हैं:-
*१:- 22वां संशोधन कहता है की एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम अहर्ता में कोई प्रशिक्षु शिक्षक तब ही सहायक अध्यापक के लिए पात्र माना जा सकता है जब उसने 6 माह का प्रारंभिक शिक्षा में प्रशिक्षण सफलता पूर्वक पूर्ण कर लिया हो और वह प्रशिक्षण पूर्ण तो दूर अभी निर्धारित ही नही किस मोड में होगा।*
*२:- 69000 सहायक अध्यापक (ट्रेंड टीचर) की भर्ती है न की प्रशिक्षु (ट्रेनी टीचर)।*
*३:- अध्यापक सेवानियमवली-1981 में दर्शायी गयी अपेंडिक्स 1 के अनुसार जिसमे 40 और 60 का विभाजन है, उसमे बीएड शामिल ही नही है, जबकि अपेंडिक्स 2 जिसमे बीएड को रखा गया है, कि मेरिट का क्राइटेरिया 10% , 20% , 40% , है अर्थात पुराने नियम पर है। जिसके अंतर्गत एक ही भर्ती में मेरिट निर्धारित करने के दो क्राइटेरिया नही हो सकते।*
*विशेष:- टीम द्वारा दाखिल पिटीशन में प्राथमिक को लेकर एनसीटीई के 28 जून 2018 के उस राजपत्र का विरोध किया गया जिसमे बीएड को प्राथमिक में शामिल किया गया है, क्योंकि बीटीसी/डीएलएड प्रशिक्षुओं की संख्या अब पर्याप्त है, जिसके चलते आरटीई एक्ट की धारा 23(2) को डिस्टर्ब नही किया जा सकता है, जिसका स्पष्टीकरण एनसीटीई ने 28 जून के राजपत्र में नही दिया, बल्कि धारा 23(1) के अंतर्गत बीएड को प्राथमिक में न्यूनतम अहर्ता के तौर पर शामिल किया है, जो सीधे सीधे आरटीई एक्ट-2009 को अतिक्रमित करता है।*
सभी आर्गुमेंट कम्प्लीट होने के बाद महाधिवक्ता साहब ने कोर्ट से एनसीटीई के 28 जून 2018 के राजपत्र को डिस्कस किया और कहा की बीएड को एनसीटीई ने प्राथमिक में शामिल किया है। सीधा सा अर्थ ये है की एजी साहब द्वारा बीएड का बचाव एनसीटीई के राजपत्र का हवाला देकर किया गया।
*विशेष अपील:- सभी साथी टीम को निर्धारित माध्यम से सहयोग करें, पैनल को फीस का भुगतान करना अति आवश्यक है।*
*अवैध बीएड पिटीशन की अंतरिम रिलीफ:-* बीटीसी अभ्यर्थियों को 69000 में प्राथमिकता दी जाए क्योंकि उनका प्राथमिक प्रशिक्षण पूर्ण है और बीटीसी सहायक अध्यापक पद हेतु पात्र हैं। इसी के साथ कटऑफ प्रकरण की तमाम अपीलों के साथ अवैध बीएड का मामला भी कल 30 मई को टैग रहेगा।
*© आकाश पटेल - 9451683646 ©*
*कुलदीप वर्मा (2014 बैच) - 9451314507*
*मनीष कुमार (2012 बैच) - 8445008910*
*पुनीत पटेल (2013 बैच) - 9532873746*
*राजवसु यादव (2015 बैच) - 7983424120*
*मंजुल मयंक सुल्लेरे (2015 बैच) - 8858562516*
*रजत सिंह-प्रदेश अध्यक्ष (2017 बैच) - 9651323207*
*पवन पाण्डेय (2018 बैच) - 8400008103*
*अभिषेक तिवारी (2018 बैच) - 9415575547*
*अनन्त प्रताप सिंह (2018 बैच) - 8840847861*
*विकास यादव (2018 बैच) - 8953861160*
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सभी साथियों को अवगत हो कि आज *कोर्ट नम्बर:- 1* में कटऑफ मैटर के साथ अवैध बीएड केस की सुनवाई लिस्टेड थी, *एडवोकेट अमित भदौरिया साहब के सानिध्य में टीम ने सीनियर एडवोकेट उपेंद्र नाथ मिश्रा साहब, एडवोकेट डॉ0 एल पी मिश्रा साहब तथा एडवोकेट राजीव त्रिपाठी साहब* को अवैध बीएड पर बहस के लिए स्टैंड कराया। पूरे पैनल ने जोरदारी के साथ अपने अपने आर्गुमेंट ऑन रिकार्ड कराए, जिसके कुछ अंश आपके साथ साझा किये जा रहे हैं:-
*१:- 22वां संशोधन कहता है की एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम अहर्ता में कोई प्रशिक्षु शिक्षक तब ही सहायक अध्यापक के लिए पात्र माना जा सकता है जब उसने 6 माह का प्रारंभिक शिक्षा में प्रशिक्षण सफलता पूर्वक पूर्ण कर लिया हो और वह प्रशिक्षण पूर्ण तो दूर अभी निर्धारित ही नही किस मोड में होगा।*
*२:- 69000 सहायक अध्यापक (ट्रेंड टीचर) की भर्ती है न की प्रशिक्षु (ट्रेनी टीचर)।*
*३:- अध्यापक सेवानियमवली-1981 में दर्शायी गयी अपेंडिक्स 1 के अनुसार जिसमे 40 और 60 का विभाजन है, उसमे बीएड शामिल ही नही है, जबकि अपेंडिक्स 2 जिसमे बीएड को रखा गया है, कि मेरिट का क्राइटेरिया 10% , 20% , 40% , है अर्थात पुराने नियम पर है। जिसके अंतर्गत एक ही भर्ती में मेरिट निर्धारित करने के दो क्राइटेरिया नही हो सकते।*
*विशेष:- टीम द्वारा दाखिल पिटीशन में प्राथमिक को लेकर एनसीटीई के 28 जून 2018 के उस राजपत्र का विरोध किया गया जिसमे बीएड को प्राथमिक में शामिल किया गया है, क्योंकि बीटीसी/डीएलएड प्रशिक्षुओं की संख्या अब पर्याप्त है, जिसके चलते आरटीई एक्ट की धारा 23(2) को डिस्टर्ब नही किया जा सकता है, जिसका स्पष्टीकरण एनसीटीई ने 28 जून के राजपत्र में नही दिया, बल्कि धारा 23(1) के अंतर्गत बीएड को प्राथमिक में न्यूनतम अहर्ता के तौर पर शामिल किया है, जो सीधे सीधे आरटीई एक्ट-2009 को अतिक्रमित करता है।*
सभी आर्गुमेंट कम्प्लीट होने के बाद महाधिवक्ता साहब ने कोर्ट से एनसीटीई के 28 जून 2018 के राजपत्र को डिस्कस किया और कहा की बीएड को एनसीटीई ने प्राथमिक में शामिल किया है। सीधा सा अर्थ ये है की एजी साहब द्वारा बीएड का बचाव एनसीटीई के राजपत्र का हवाला देकर किया गया।
*विशेष अपील:- सभी साथी टीम को निर्धारित माध्यम से सहयोग करें, पैनल को फीस का भुगतान करना अति आवश्यक है।*
*अवैध बीएड पिटीशन की अंतरिम रिलीफ:-* बीटीसी अभ्यर्थियों को 69000 में प्राथमिकता दी जाए क्योंकि उनका प्राथमिक प्रशिक्षण पूर्ण है और बीटीसी सहायक अध्यापक पद हेतु पात्र हैं। इसी के साथ कटऑफ प्रकरण की तमाम अपीलों के साथ अवैध बीएड का मामला भी कल 30 मई को टैग रहेगा।
*© आकाश पटेल - 9451683646 ©*
*कुलदीप वर्मा (2014 बैच) - 9451314507*
*मनीष कुमार (2012 बैच) - 8445008910*
*पुनीत पटेल (2013 बैच) - 9532873746*
*राजवसु यादव (2015 बैच) - 7983424120*
*मंजुल मयंक सुल्लेरे (2015 बैच) - 8858562516*
*रजत सिंह-प्रदेश अध्यक्ष (2017 बैच) - 9651323207*
*पवन पाण्डेय (2018 बैच) - 8400008103*
*अभिषेक तिवारी (2018 बैच) - 9415575547*
*अनन्त प्रताप सिंह (2018 बैच) - 8840847861*
*विकास यादव (2018 बैच) - 8953861160*
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