उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में तैनाती, पदोन्नति, स्थानांतरण
और सेवा से जुड़े मामलों के लिए बेसिक शिक्षा संवर्ग का गठन किया जाएगा.
इसके पीछे सरकार मानना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में तैनाती, पदोन्नति,
स्थानांतरण और सेवा संबंधी प्रकरणों के निस्तारण में काफी विलंब होता है.
शिक्षकों और कर्मचारियों की पदोन्नति और सेवा संबंधी हजारों मामले अभी भी लटके पड़े हैं. उनके तबादले करने के लिए भी विभाग से लेकर सरकार तक को मशक्कत करनी पड़ती है. वर्तमान में संचालित शिक्षा सेवा संवर्ग में शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो रहा है.
बीते दिनों हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए थे. विभाग ने शिक्षा सेवा संवर्ग का विभाजन कर बेसिक शिक्षा संवर्ग के गठन की तैयारी की है. इसमें पर्याप्त संख्या में अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए जाएंगे. तैनाती, पदोन्नति, स्थानांतरण और सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए निर्धारित समय सीमा तय की जाएगी.
बेसिक शिक्षा विभाग के 1 लाख 58 हजार 914 विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे 1.57 करोड़ छात्रों को प्रतिवर्ष स्कूल बैग, स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकें, स्वेटर और जूते-मोजे नि:शुल्क वितरित किए जाते हैं. सरकार इन सब पर डेढ़ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करती है. निशुल्क सामग्री बच्चों को समय पर नहीं मिलने के कारण कई बार विभाग की फजीहत हुई है.
करोड़ों खर्च करने के बाद भी बच्चों को उसका समय पर फायदा नहीं मिला. मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों से नाराजगी जताई थी. हालांकि इस बार एक जुलाई से पहले 95 फीसदी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें पहुंच गई हैं. बेसिक शिक्षा विभाग की इस नई व्यवस्था मे संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी, लेखाधिकारी सहित अन्य कर्मचारी तैनात किए जाएंगे. इन्हें केवल समय से निशुल्क सामग्री वितरण की जिम्मेदारी दी जाएगी.
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शिक्षकों और कर्मचारियों की पदोन्नति और सेवा संबंधी हजारों मामले अभी भी लटके पड़े हैं. उनके तबादले करने के लिए भी विभाग से लेकर सरकार तक को मशक्कत करनी पड़ती है. वर्तमान में संचालित शिक्षा सेवा संवर्ग में शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो रहा है.
बीते दिनों हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए थे. विभाग ने शिक्षा सेवा संवर्ग का विभाजन कर बेसिक शिक्षा संवर्ग के गठन की तैयारी की है. इसमें पर्याप्त संख्या में अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए जाएंगे. तैनाती, पदोन्नति, स्थानांतरण और सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए निर्धारित समय सीमा तय की जाएगी.
बेसिक शिक्षा विभाग के 1 लाख 58 हजार 914 विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे 1.57 करोड़ छात्रों को प्रतिवर्ष स्कूल बैग, स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकें, स्वेटर और जूते-मोजे नि:शुल्क वितरित किए जाते हैं. सरकार इन सब पर डेढ़ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करती है. निशुल्क सामग्री बच्चों को समय पर नहीं मिलने के कारण कई बार विभाग की फजीहत हुई है.
करोड़ों खर्च करने के बाद भी बच्चों को उसका समय पर फायदा नहीं मिला. मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों से नाराजगी जताई थी. हालांकि इस बार एक जुलाई से पहले 95 फीसदी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें पहुंच गई हैं. बेसिक शिक्षा विभाग की इस नई व्यवस्था मे संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी, लेखाधिकारी सहित अन्य कर्मचारी तैनात किए जाएंगे. इन्हें केवल समय से निशुल्क सामग्री वितरण की जिम्मेदारी दी जाएगी.
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