नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर
प्रदेश में 72325 शिक्षकों की
भर्ती के मामले में राज्य सरकार से भर्तियों
का विस्तृत ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने उप्र
में ब्रेसिक शिक्षा विभाग की अतिरिक्त
मुख्य सचिव सुश्री रेणुका कुमार को चार
सप्ताह में हतफनामा दाखिल करने का
आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने
आदेश की अवहेलना का आयेप लगाने
वाली उम्मीदवारों की अवमानना वाचिका
पर सभी पक्षों की बहस rr अपना
फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला
प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में वर्ष 2011
में निकाली गई 72825 सहायक शिक्षकों
की भर्ती से जुड़ा है।
न्यायमूर्ति यूबू ललित और एमआर
शाह की पीठ ने अवमानना याचिका पर
सुनवाई के बाद गत 22 जुलाई को यह
आदेश दिये। बहुत से उम्मीदवारों ने सुप्रीम
कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर
उत्तर प्रदेश सरकार पर कोर्ट के आदेश
का पालन न करने का आगेप लगाया है।
जबकि राज्य सरकार का कहना है कि
आदेश का पालन किया गया। प्रतिपक्षी
दाबों को देखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार
से तीन बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल
कर विस्तृत ब्योरा देने को कह्म है।
कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है. कि
बह जिलावार ब्योरा देकर बताए कि
अक्टूबर 2016 तक किन श्रेणियों में
कुल कितने उम्मीदवारों की निवुक्ति की
गई। इसके अलावा क्या अक्टूबर 2016
के बाद कोई नई नियुक्तियां प्रभावित हुई।
सरकार को यह भी बताना है कि कोर्ट के
27 जुलाई 2015 के आदेश और उसके
बाद संशोधित किये गए आदेश में भर्ती
के लिए तब मापदंड पूरे करने वाले लोगों
अलावा किसी अन्य व्यक्ति की भर्ती
हुई। अगर हुई है. तो उनका नाम, उम्र और
कट ऑफ को देखते हुए उन उम्मीदवारों
की ओर से अर्जित अंकों का ब्योरा मांगा
है। कोर्ट ने सक्षम अधिकार को चार
सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का
निर्देश दिया है।
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प्रदेश में 72325 शिक्षकों की
भर्ती के मामले में राज्य सरकार से भर्तियों
का विस्तृत ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने उप्र
में ब्रेसिक शिक्षा विभाग की अतिरिक्त
मुख्य सचिव सुश्री रेणुका कुमार को चार
सप्ताह में हतफनामा दाखिल करने का
आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने
आदेश की अवहेलना का आयेप लगाने
वाली उम्मीदवारों की अवमानना वाचिका
पर सभी पक्षों की बहस rr अपना
फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला
प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में वर्ष 2011
में निकाली गई 72825 सहायक शिक्षकों
की भर्ती से जुड़ा है।
न्यायमूर्ति यूबू ललित और एमआर
शाह की पीठ ने अवमानना याचिका पर
सुनवाई के बाद गत 22 जुलाई को यह
आदेश दिये। बहुत से उम्मीदवारों ने सुप्रीम
कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर
उत्तर प्रदेश सरकार पर कोर्ट के आदेश
का पालन न करने का आगेप लगाया है।
जबकि राज्य सरकार का कहना है कि
आदेश का पालन किया गया। प्रतिपक्षी
दाबों को देखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार
से तीन बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल
कर विस्तृत ब्योरा देने को कह्म है।
कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है. कि
बह जिलावार ब्योरा देकर बताए कि
अक्टूबर 2016 तक किन श्रेणियों में
कुल कितने उम्मीदवारों की निवुक्ति की
गई। इसके अलावा क्या अक्टूबर 2016
के बाद कोई नई नियुक्तियां प्रभावित हुई।
सरकार को यह भी बताना है कि कोर्ट के
27 जुलाई 2015 के आदेश और उसके
बाद संशोधित किये गए आदेश में भर्ती
के लिए तब मापदंड पूरे करने वाले लोगों
अलावा किसी अन्य व्यक्ति की भर्ती
हुई। अगर हुई है. तो उनका नाम, उम्र और
कट ऑफ को देखते हुए उन उम्मीदवारों
की ओर से अर्जित अंकों का ब्योरा मांगा
है। कोर्ट ने सक्षम अधिकार को चार
सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का
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