गोंडा। बेसिक शिक्षा विभाग के 1000 से अधिक स्कूल बिना प्रधानाध्यापक के ही संचालित हो रहे हैं। दो सौ के करीब स्कूल तो ऐसे हैं कि जहां शिक्षक भी एक ही हैं या फिर शिक्षामित्र ही हैं।
ऐसे स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की तैनाती न होने से कामकाज प्रभावित है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह से भेंट कर स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के पदों पर पदोन्नति करने की मांग की है। प्राइमरी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के साथ ही जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति किए जाने की मांग की है।
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आनन्द त्रिपाठी के साथ महामंत्री विनय नरायन पांडे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, इन्द्र प्रताप सिंह, वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, मनोज कुमार मिश्र, आशुतोष कुमार शुक्ल, मनीष कुमार सिंह ने ज्ञापन सौंपा। मांग किया कि करीब 200 विभिन्न भर्तियों के शिक्षकों के सत्यापनोपरांत अभी अवशेष भुगतान आदेश नही जारी किया है। जिससे उनके सामने आर्थिक संकट है। इसी तरह अंग्रेजी स्कूलों के पदस्थापना में काउंसलिंग में शामिल न होने वाले शिक्षकों को अवसर देने की मांग किया। विभाग में सिटीजन चार्टर लागू करने और शिक्षिकाओं के प्रसूता, सीसीएल अवकाश स्वीकृत करने में दोहरा मापदंड समाप्त करने की मांग किया। पारस्परिक तबादला करने समेत कई मांग को रखा। बीएसए ने मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
हाईकोर्ट के फैसले पर सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों में खुशी
गोंडा। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की सूची से प्राइमरी कक्षाओं वाले स्कूलों को बाहर करने की नोटिस पर हाईकोर्ट के आदेश पर सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों ने खुशी जताई है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों के परिसर में संचालित कक्षा-1 से 5 तक के प्राइमरी स्कूलों को 24 अक्तूबर 2017 में अध्यादेश बनाकर बाहर करने की नोटिस दिया था। प्रदेश के 107 स्कूलों में जिले के 8 स्कूल भी शामिल थे। नोटिस में हाईकोर्ट ने एक याचिका पर बेसिक शिक्षा विभाग को अनुदान सूची में स्कूलों को शामिल करने को कहा है और चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर आरोप तय किया जाएगा। इस फैसले पर सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधकों और शिक्षकों ने खुशी जताई है। शिक्षक अवधेश कुमार ने कहा कि फैसला जनहित में हैं।
ऐसे स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की तैनाती न होने से कामकाज प्रभावित है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह से भेंट कर स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के पदों पर पदोन्नति करने की मांग की है। प्राइमरी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के साथ ही जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति किए जाने की मांग की है।
हाईकोर्ट के फैसले पर सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों में खुशी
गोंडा। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की सूची से प्राइमरी कक्षाओं वाले स्कूलों को बाहर करने की नोटिस पर हाईकोर्ट के आदेश पर सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों ने खुशी जताई है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों के परिसर में संचालित कक्षा-1 से 5 तक के प्राइमरी स्कूलों को 24 अक्तूबर 2017 में अध्यादेश बनाकर बाहर करने की नोटिस दिया था। प्रदेश के 107 स्कूलों में जिले के 8 स्कूल भी शामिल थे। नोटिस में हाईकोर्ट ने एक याचिका पर बेसिक शिक्षा विभाग को अनुदान सूची में स्कूलों को शामिल करने को कहा है और चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर आरोप तय किया जाएगा। इस फैसले पर सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधकों और शिक्षकों ने खुशी जताई है। शिक्षक अवधेश कुमार ने कहा कि फैसला जनहित में हैं।