लखनऊ. माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय प्राथमिकताओं
के नियोजन के लिए 1 दिन का कार्यशाला मंथन का आयोजन शुक्रवार शाम लखनऊ
(Lucknow) में किया गया. मंथन में माध्यमिक शिक्षा को नई दिशा देने के लिए
नए प्रयोग किए गए.
कार्यशाला में सभी विभागीय अधिकारियों को दस अलग-अलग समूहों में बांट दिया गया. कार्यशाला के दौरान डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों को एनसीईआरटी (NCERT) पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किए जाने के बाद यह प्रशिक्षण बेहद जरूरी है.
दरअसल यह ‘मंथन माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्राथमिकताओं के नियोजन के लिए किया गया. ‘मंथन में सभी विभागीय अधिकारियों को 10 अलग-अलग समूहों में बांट दिया गया था. ‘मंथन के मार्गदर्शक एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. अरविन्द मोहन ने प्रत्येक समूह को 20 मिनट का समय दिया. समूहों ने माध्यमिक शिक्षा के विकास, विभागीय प्राथमिकताओं, समय-सीमा, प्राप्त किए जा सकने वाले लक्ष्यों की पहचान, आने वाली कठिनाइयों के चिह्रांकन एवं उनका निवारण के संबंध में अपने अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक सुझाव दिए.
इसके साथ ही समूह परिचर्चा में सभी अधिकारियों ने अपने-अपने अनुभवों और जिलों में अपनाई जा रही योजना को साझा किया. डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने प्रत्येक समूह के साथ माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर चर्चा की. इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने भी अलग-अलग समूहों में प्रतिभाग कर विचार-विमर्श किया. परिचर्चा में शिक्षकों की कमी की समस्या, माध्यमिक तथा बेसिक शिक्षा को एकीकृत कर बेहतर समन्वय बनाने, शिक्षकों के कार्यों का मूल्यांकन किए जाने, परीक्षा के पहले विद्यालयों द्वारा समय तथा तनाव प्रबंधन के उपाय तथा विद्यालयों के विकास के लिए सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित किए जाने भी चर्चा की गई.
इस मौके पर डिप्टी सीएम ने बोर्ड की परीक्षा की तैयारियों का भी जायजा लिया और कहा कि 15 नवंबर के बाद शासन के अधिकारी जिलों में पर्यवेक्षक बनाकर जाएं. जिससे नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केंद्रों का पारदर्शिता के साथ निर्धारण हो सकें.
कार्यशाला में सभी विभागीय अधिकारियों को दस अलग-अलग समूहों में बांट दिया गया. कार्यशाला के दौरान डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों को एनसीईआरटी (NCERT) पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किए जाने के बाद यह प्रशिक्षण बेहद जरूरी है.
दरअसल यह ‘मंथन माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्राथमिकताओं के नियोजन के लिए किया गया. ‘मंथन में सभी विभागीय अधिकारियों को 10 अलग-अलग समूहों में बांट दिया गया था. ‘मंथन के मार्गदर्शक एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. अरविन्द मोहन ने प्रत्येक समूह को 20 मिनट का समय दिया. समूहों ने माध्यमिक शिक्षा के विकास, विभागीय प्राथमिकताओं, समय-सीमा, प्राप्त किए जा सकने वाले लक्ष्यों की पहचान, आने वाली कठिनाइयों के चिह्रांकन एवं उनका निवारण के संबंध में अपने अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक सुझाव दिए.
शिक्षा विभाग ने शुरू की नई पहल
इसके साथ ही समूह परिचर्चा में सभी अधिकारियों ने अपने-अपने अनुभवों और जिलों में अपनाई जा रही योजना को साझा किया. डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने प्रत्येक समूह के साथ माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर चर्चा की. इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने भी अलग-अलग समूहों में प्रतिभाग कर विचार-विमर्श किया. परिचर्चा में शिक्षकों की कमी की समस्या, माध्यमिक तथा बेसिक शिक्षा को एकीकृत कर बेहतर समन्वय बनाने, शिक्षकों के कार्यों का मूल्यांकन किए जाने, परीक्षा के पहले विद्यालयों द्वारा समय तथा तनाव प्रबंधन के उपाय तथा विद्यालयों के विकास के लिए सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित किए जाने भी चर्चा की गई.
इस मौके पर डिप्टी सीएम ने बोर्ड की परीक्षा की तैयारियों का भी जायजा लिया और कहा कि 15 नवंबर के बाद शासन के अधिकारी जिलों में पर्यवेक्षक बनाकर जाएं. जिससे नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केंद्रों का पारदर्शिता के साथ निर्धारण हो सकें.