बस्ती में दूसरे के नाम पर फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले तीन प्रधानाध्यापक समेत छह शिक्षकों को बीएसए अरूण कुमार ने बर्खास्त कर दिया है। बीएसए ने बताया कि जांच में सामने आया कि इन सभी ने कूटरचित और फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति हासिल की थी। इनकी सेवा समाप्ति के साथ ही संबंधित ब्लॉक के बीईओ को प्राथमिक दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। इनके स्तर से आहरित वेतन की वसूली के लिए लेखाधिकारी को नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा गया है।
बर्खास्त होने वाले सहायक अध्यापक जिले के बनकटी, गौर, कुदरहा, सल्टौआ व हर्रैया में कार्यरत थे। बीएसए कार्यालय के अनुसार सतीश प्रसाद प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय गुलरिहा सेमरा ब्लॉक बनकटी, विपिन कुमार सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटया ब्लॉक गौर, प्रियंका चौधरी, प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय कबरा खास कुदरहा ब्लॉक, राणा प्रताप सिंह सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बानपुर कुदरहा ब्लॉक, ध्रुव नारायण सहायक अध्यापक, बढ़या सरदहा सल्टौआ ब्लॉक और मालती पांडेय प्रधानाध्यापिका बड़हरकला विकास खंड हर्रैया को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। बीएसए स्तर से रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
पैन कार्ड से पकड़ में आया फर्जीवाड़ा
फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हथियाने वालों का भंडाफोड़ पैन कार्ड के सत्यापन के दौरान सामने आया। समूचे प्रदेश में पैन कार्ड की जांच के दौरान असली शिक्षक के पैन कार्ड पर किसी और के भी नौकरी करने के मामले प्रकाश में आए थे। ऐसे ही आधा दर्जन सहायक अध्यापकों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके नाम पर बस्ती जिले में फर्जी तरीके से कोई और नौकरी कर रहा है। प्रकरण में बीएसए अरूण कुमार स्तर से टीम गठित कर जांच बैठा दी गई। जांच के दौरान शिकायत सही मिलने पर नोटिस जारी होते ही फर्जी शिक्षक गायब हो गए। तय समय में जवाब दाखिल न करने के साथ ही जांच में सामने आए तथ्यों से यह साफ हो गया कि फर्जी तरीके से इन लोगों ने नौकरी हथियाई थी।
दो दशक से नौकरी कर रहे थे फर्जी शिक्षक
बीएसए कार्यालय के अनुसार जांच के दौरान यह सामने आया कि इनमें से तीन शिक्षक 1997 से फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे थे। जबकि दो शिक्षकों ने 2010 और एक शिक्षिका ने 2009 में कूटरचित प्रमाण पत्रों की मदद से नौकरी हथियाई थी। फर्जीवाड़े में शामिल चार शिक्षकों ने संतकबीरनगर का पता दर्शाया है, जबकि एक-एक बस्ती और महाराजगंज जिले का पता दर्ज है। बीएसए ने बताया कि सभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ बीईओ से तत्काल मुकदमा दर्ज कराने को कहा गया है।
‘जांच के दौरान फर्जी शिक्षकों का मामला सामाने आया। सभी के अभिलेखों का परीक्षण कराया गया तो वह फर्जी मिले। इसके चलते छह शिक्षकों को बर्खास्त कर वेतन रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।’
अरुण कुमार, बीएसए
बर्खास्त होने वाले सहायक अध्यापक जिले के बनकटी, गौर, कुदरहा, सल्टौआ व हर्रैया में कार्यरत थे। बीएसए कार्यालय के अनुसार सतीश प्रसाद प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय गुलरिहा सेमरा ब्लॉक बनकटी, विपिन कुमार सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटया ब्लॉक गौर, प्रियंका चौधरी, प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय कबरा खास कुदरहा ब्लॉक, राणा प्रताप सिंह सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बानपुर कुदरहा ब्लॉक, ध्रुव नारायण सहायक अध्यापक, बढ़या सरदहा सल्टौआ ब्लॉक और मालती पांडेय प्रधानाध्यापिका बड़हरकला विकास खंड हर्रैया को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। बीएसए स्तर से रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
पैन कार्ड से पकड़ में आया फर्जीवाड़ा
फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हथियाने वालों का भंडाफोड़ पैन कार्ड के सत्यापन के दौरान सामने आया। समूचे प्रदेश में पैन कार्ड की जांच के दौरान असली शिक्षक के पैन कार्ड पर किसी और के भी नौकरी करने के मामले प्रकाश में आए थे। ऐसे ही आधा दर्जन सहायक अध्यापकों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके नाम पर बस्ती जिले में फर्जी तरीके से कोई और नौकरी कर रहा है। प्रकरण में बीएसए अरूण कुमार स्तर से टीम गठित कर जांच बैठा दी गई। जांच के दौरान शिकायत सही मिलने पर नोटिस जारी होते ही फर्जी शिक्षक गायब हो गए। तय समय में जवाब दाखिल न करने के साथ ही जांच में सामने आए तथ्यों से यह साफ हो गया कि फर्जी तरीके से इन लोगों ने नौकरी हथियाई थी।
दो दशक से नौकरी कर रहे थे फर्जी शिक्षक
बीएसए कार्यालय के अनुसार जांच के दौरान यह सामने आया कि इनमें से तीन शिक्षक 1997 से फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे थे। जबकि दो शिक्षकों ने 2010 और एक शिक्षिका ने 2009 में कूटरचित प्रमाण पत्रों की मदद से नौकरी हथियाई थी। फर्जीवाड़े में शामिल चार शिक्षकों ने संतकबीरनगर का पता दर्शाया है, जबकि एक-एक बस्ती और महाराजगंज जिले का पता दर्ज है। बीएसए ने बताया कि सभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ बीईओ से तत्काल मुकदमा दर्ज कराने को कहा गया है।
‘जांच के दौरान फर्जी शिक्षकों का मामला सामाने आया। सभी के अभिलेखों का परीक्षण कराया गया तो वह फर्जी मिले। इसके चलते छह शिक्षकों को बर्खास्त कर वेतन रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।’
अरुण कुमार, बीएसए